पटना। विधानसभा चुनाव में हार के बाद संगठन को पुनर्गठित करने में जुटी बिहार कांग्रेस ने अब कड़ा रुख अपनाया है। पार्टी ने समीक्षा बैठक से गैरहाज़िर रहे 15 जिलाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी कार्यालय सचिव नलिन कुमार द्वारा जारी नोटिस में इन जिलाध्यक्षों से पूछा गया है कि वे अनिवार्य बैठक में क्यों नहीं पहुंचे।
पार्टी ने चेतावनी दी है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इन 15 जिलाध्यक्षों को नोटिस जारी
नोटिस प्राप्त जिलाध्यक्षों के नाम इस प्रकार हैं—
पश्चिमी चंपारण – प्रमोद सिंह पटेल
पूर्वी चंपारण – शशिभूषण राय
अररिया – शाद अहमद
मधुबनी – सुबोध मंडल
कटिहार – सुनील यादव
पटना ग्रामीण-2 – गुरुजीत सिंह
पटना ग्रामीण-1 – राज नारायण गुप्ता
सुपौल – परवेज आलम
जमुई – अनिल कुमार सिंह
बक्सर – मनोज पांडेय
गया – उदय मांझी
लखीसराय – अरविंद कुमार
मुंगेर – इनामुल हक
शेखपुरा – रौशन कुमार
समीक्षा बैठक में हार के कारणों पर लिया गया फीडबैक
दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के बाद सोमवार को पटना स्थित सदाकत आश्रम में सभी जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई थी।
बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने की।
इस दौरान
प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु,
और विधायक शकील अहमद खान
भी मौजूद रहे।
बैठक में नेताओं ने
चुनाव में हार के कारणों का विश्लेषण,
संगठन की मजबूती,
जिले स्तर पर पार्टी की सक्रियता,
और बूथ मैनेजमेंट की खामियों
पर जिलाध्यक्षों से फीडबैक लिया।
पार्टी के अनुसार, बैठक सभी जिलाध्यक्षों के लिए अनिवार्य थी, लेकिन 15 जिलाध्यक्ष बिना जानकारी दिए अनुपस्थित रहे, जिसके बाद नोटिस जारी किया गया।
कांग्रेस अपनाएगी ‘एकला चलो’ की रणनीति
समीक्षा बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया गया कि आने वाले समय में कांग्रेस बिहार में ‘एकला चलो’ की राह पर आगे बढ़ेगी।
पार्टी ने साफ किया है कि:
संगठन को प्रखंड से लेकर प्रदेश स्तर तक मजबूत किया जाएगा,
कांग्रेस अपने दम पर रैलियाँ और सभाएँ करेगी,
गठबंधन की अपेक्षा किए बिना पार्टी स्वतंत्र राजनीतिक उपस्थिति बनाएगी।
बताया जा रहा है कि दिल्ली में हुई पार्टी की बैठक में इस रणनीति की रूपरेखा पहले ही तैयार कर ली गई थी।
14 दिसंबर से शुरू होगी नई रणनीति—दिल्ली में रैली
कांग्रेस की ‘एकला चलो’ रणनीति की शुरुआत 14 दिसंबर को दिल्ली में प्रस्तावित “वोट चोरी के खिलाफ” रैली से होगी।
इस रैली को पार्टी अपने बड़े राजनीतिक कैंपेन की शुरुआत मान रही है और बिहार कांग्रेस ने भी इसमें सक्रिय भागीदारी का निर्देश दिया है।
पटना से राहुल कुमार की रिपोर्ट















