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अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी के बीच स्थानीय लोग विरोध करते हुए; पप्पू यादव मीडिया से बात करते हुए।

MP-MLA की आत्मा मर चुकी है, गरीबों पर दरिंदगी अब बर्दाश्त नहीं करेंगे

अतिक्रमण हटाने के नाम पर इंस्पेक्टर राज चल रहा है’ — पप्पू यादव का बड़ा हमला

बेगूसराय/पटना।
अतिक्रमण हटाने की हालिया कार्रवाई को लेकर जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख एवं पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पुलिस प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के कई जिलों में “अतिक्रमण हटाने” का नाम लेकर गरीब और कमजोर लोगों पर ज्यादती की जा रही है, जबकि बड़े और प्रभावशाली लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

पप्पू यादव ने कहा कि “बिहार में इंस्पेक्टर राज चरम पर है। पुलिस और प्रशासन मनमानी कर रहा है। MP-MLA की आत्मा मर चुकी है, वे जनता के मुद्दों पर खामोश बैठे हैं।”

गरीबों पर कार्रवाई, अमीरों पर खामोशी— पप्पू यादव का आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी मशीनरी केवल उन लोगों को निशाना बना रही है जिनके पास विरोध करने की ताकत नहीं है।

उन्होंने कहा—
“गरीबों की झोपड़ी तो तोड़ी जा रही है, दुकानों और घरों को गिराया जा रहा है, लेकिन अवैध कब्जा करने वाले बड़े माफियाओं पर कोई बुलडोजर नहीं चलता। यह दोहरा रवैया जनता स्वीकार नहीं करेगी।”

वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा विवाद

हाल ही में बेगूसराय सहित कई जिलों में अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस की कथित मारपीट और दबाव के कई वीडियो वायरल हुए, जिन पर पप्पू यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा—
“किसी गरीब की रोजी-रोटी उजाड़ने से पहले सरकार को उसके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए। यह कैसा विकास है, जो जनता को ही बेघर कर दे?”

“दरिंदगी बर्दाश्त नहीं” – पुलिस कार्रवाई की हाई लेवल जांच की मांग

पूर्व सांसद ने इन घटनाओं की उच्च-स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी को मनमर्जी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अत्याचार नहीं रुका, तो उनकी पार्टी सड़क से संसद तक आंदोलन करेगी।

स्थानीय प्रशासन की सफाई

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई पूरी तरह कानून के अनुसार की जा रही है और किसी के साथ अन्याय का सवाल ही नहीं उठता।
हालाँकि, कई सामाजिक संगठनों ने भी पुलिस की कार्यपद्धति पर सवाल उठाए हैं।

जनता में बढ़ रही नाराज़गी

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है।
प्रभावित परिवारों का आरोप है कि बिना नोटिस और बिना वैकल्पिक व्यवस्था के अचानक कार्रवाई की जा रही है।

अजय शास्त्री की रिपोर्ट

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