पटना।
पटना का जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग अपने उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के कारण देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आयोगों की सूची में शामिल किया गया है। आयोग ने चालू वर्ष में 1000 से अधिक उपभोक्ता मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया है। खास बात यह है कि निपटाए गए सभी मामलों को ई-जागृति पोर्टल पर अपलोड किया गया है, जिससे पारदर्शिता और डिजिटल रिकॉर्ड को बढ़ावा मिला है।
आयोग के प्रभावी कार्य के चलते उपभोक्ताओं को अब तक करीब 4.5 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कराया गया है। यह राशि उपभोक्ताओं को मुआवजे, रिफंड और अन्य वैधानिक दावों के रूप में दिलाई गई है। सीमित संसाधनों और ढांचागत व मानव संसाधन की कमी के बावजूद आयोग ने यह उपलब्धि हासिल की है, जिसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
मानव संसाधन की कमी के बावजूद शानदार प्रदर्शन
पटना जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सीमित स्टाफ और बुनियादी सुविधाओं की कमी के बावजूद मामलों के त्वरित और निष्पक्ष निपटारे पर विशेष ध्यान दिया। आयोग की सक्रियता के कारण लंबित मामलों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे उपभोक्ताओं को समय पर न्याय मिल सका।
बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को मिलेगा सम्मान
उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से बेहतर विवाद निपटारा करने वाले राज्यों और आयोगों को सम्मानित किए जाने की योजना है। इस सम्मान सूची में बिहार को भी शामिल किया गया है। यह राज्य के लिए गर्व की बात मानी जा रही है, क्योंकि इससे उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में बिहार की सशक्त भूमिका सामने आई है।
पत्र के माध्यम से दी गई जानकारी
इस संबंध में उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारी अनुपम मिश्रा ने पत्र के माध्यम से पटना जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा को यह जानकारी दी है। पत्र में आयोग के कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में भी इसी तरह उपभोक्ता हित में कार्य करते रहने की अपेक्षा जताई गई है।
उपभोक्ताओं में बढ़ा भरोसा
आयोग के बेहतर प्रदर्शन से उपभोक्ताओं का भरोसा न्यायिक प्रक्रिया पर और मजबूत हुआ है। डिजिटल माध्यमों के उपयोग और मामलों के शीघ्र निपटारे से आम उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
जानकारों का मानना है कि यदि आयोग को पर्याप्त मानव संसाधन और बेहतर ढांचा उपलब्ध कराया जाए, तो उपभोक्ता विवादों का निपटारा और भी तेजी से किया जा सकता है।















