‘कबाड़ मंडी’ एप से ग्रामीणों को सीधा भुगतान, स्वच्छता के साथ रोजगार का नया मॉडल
बिहार के सीवान जिले का लखवा ग्राम पंचायत देश का पहला ऐसा गांव बन गया है, जहां मोबाइल एप के माध्यम से घर-घर से कचरा खरीदा जा रहा है। इस अनोखी पहल ने ग्रामीण स्वच्छता के साथ-साथ आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन की नई मिसाल पेश की है।
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत शुरू की गई इस पहल में ग्रामीण अपने घरों से निकलने वाले कचरे का विवरण ‘कबाड़ मंडी’ मोबाइल एप पर दर्ज करते हैं। एप पर जानकारी मिलते ही अधिकृत एजेंसी असराज स्कैप सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड तय समय पर ग्रामीणों के घर पहुंचती है। वहां कचरे का वजन किया जाता है और निर्धारित दर के अनुसार सीधे भुगतान किया जाता है।
इस व्यवस्था से कचरा संग्रहण से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, सरल और भरोसेमंद बन गई है। इससे न सिर्फ गांव की साफ-सफाई बेहतर हुई है, बल्कि ग्रामीणों को कचरे से अतिरिक्त आमदनी भी होने लगी है।
इस मॉडल के तहत एकत्रित कचरे से उपयोगी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लखवा पंचायत का यह प्रयोग यदि अन्य गांवों में लागू किया जाए, तो यह ग्रामीण स्वच्छता और डिजिटल अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
लखवा ग्राम पंचायत की यह पहल अब पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनती जा रही है, जहां तकनीक के माध्यम से स्वच्छता, रोजगार और पारदर्शिता—तीनों को एक साथ जोड़ा गया है।





















