यमुना एक्सप्रेस-वे।
यमुना एक्सप्रेस-वे के माइलस्टोन 127 पर घने कोहरे में दृश्यता लगभग शून्य थी, जिसके कारण सुबह लगभग 4:30 बजे एक भीषण श्रृंखलाबद्ध वाहन टकराव हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सबसे पहले एक अर्टिगा कार, स्विफ्ट डिजायर से जा टकराई। इसके बाद दोनों कारों के चालक आपस में बहस करने लगे। इसी दौरान तीसरी ब्रेजा कार भी टकरा गई। घटना के चलते आग लग गई और लोग भागने लगे।
बसों में फंसे यात्रियों की मुश्किलें
- बसों में केवल छोटी आपातकालीन खिड़कियां होने के कारण यात्रियों को बाहर निकलने में कठिनाई हुई।
- खिड़कियों के शीशे तोड़कर लोगों को बाहर निकाला गया।
- सात स्लीपर बसों में करीब 400 यात्री सवार थे।
- सामान और पर्दों के कारण आग तेजी से फैल गई।
- आगरा से दिल्ली की ओर जाने वाली लाइन करीब 5 घंटे तक बंद रही।
हादसे का असर
- 13 लोग जिंदा जल गए।
- 100 से अधिक घायल, जिनमें अधिकतर की सिर, हाथ, पैर और कंधे में चोटें आईं।
- लगभग 100 लोगों की हड्डियां टूटी।
रेस्क्यू और राहत कार्य
- आगरा, मथुरा समेत तीन जिलों के बचाव दल ने घायलों को बाहर निकाला।
- पुलिस ने एक्सप्रेस-वे पर बिखरे सामान को एकत्र किया।
- सुबह 4:30 बजे से 8:30 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।
घने कोहरे में एक्सप्रेस-वे की खतरनाक स्थिति
सड़क हादसों के आंकड़ों के अनुसार 2012–2023 के बीच यमुना एक्सप्रेस-वे पर घने कोहरे के कारण 338 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 75 मौतें और 665 गंभीर घायल हुए। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे का आंकड़ा जोड़ने पर स्थिति और भयावह हो जाती है।
अधिवक्ता केसी जैन का कहना है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत घने कोहरे में शून्य दृश्यता होने पर सड़क पर आवागमन अस्थायी रूप से रोकना चाहिए।





















