
वीरपुर का ऐतिहासिक बाजार, जो लगभग 35 से 40 गाँव के लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों का केंद्र रहा है, आज गंभीर बदहाली का सामना कर रहा है। पिछले पाँच वर्षों से यहाँ जलजमाव की समस्या बनी हुई है, जिससे पैदल चलना तो दूर, वाहन भी मुश्किल से गुजर पाते हैं।
बाजार की दुकानों और व्यवसाय पर इसका सीधा असर पड़ा है, लोग बीमारियों से जूझ रहे हैं, और स्थानीय अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई है। बावजूद इसके, न तो पंचायत प्रतिनिधि, न प्रखंड स्तर के अधिकारी और न ही विधायक इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दे रहे हैं।
#दुर्गा_पूजा, #दिवाली और #छठ जैसे बड़े त्योहार भी इसी जलभराव में मनाए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को छठ घाट तक पहुँचने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
स्थानीय जनता का सवाल है: क्या कोई उनकी परेशानी को गंभीरता से देखेगा? क्या वीरपुर बाजार की ऐतिहासिक चमक यूं ही मिट्टी में मिल जाएगी?
अब वक्त है कि आवाज़ उठाई जाए और जिम्मेदारों से सवाल किए जाएँ, ताकि वीरपुर बाजार फिर से अपने पुराने गौरव को प्राप्त कर सके।















