बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद चुनावी विश्लेषण करने वाले संगठन एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच ने उम्मीदवारों के चुनावी हलफ़नामों का विस्तृत अध्ययन जारी किया है।
183 पन्नों की इस रिपोर्ट में उम्मीदवारों की संपत्ति, आपराधिक मामलों और आयु-संरचना से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं।
90% विजेता उम्मीदवार करोड़पति
ADR के अनुसार, इस वर्ष चुनाव जीतने वाले 243 में से 218 उम्मीदवार (90%) करोड़पति हैं।
रिपोर्ट बताती है कि विजेता विधायकों की संपत्ति वर्ष-दर-वर्ष लगातार बढ़ी है:
2010: 45 उम्मीदवार (20%) करोड़पति
2015: 162 उम्मीदवार (67%) करोड़पति
2020: 194 उम्मीदवार (81%) करोड़पति
2025: 218 उम्मीदवार (90%) करोड़पति
ये आंकड़े क्रमशः 2010 (228 विजेता), 2015 (243 विजेता), 2020 (241 विजेता) और 2025 (243 विजेता) के हलफ़नामों के आधार पर तैयार किए गए हैं।
अपराध मामलों वाले उम्मीदवारों को टिकट
ADR ने बताया कि लगभग हर राजनीतिक दल ने ऐसे नेताओं को टिकट दिया जिनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं। नई विधानसभा में गंभीर और सामान्य आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।
विजेताओं की उम्र: 50 से अधिक विधायक ज़्यादा
रिपोर्ट के अनुसार:
146 विधायकों की उम्र 50 वर्ष से अधिक है।
97 विधायक 50 वर्ष से कम उम्र के हैं।
इस बार 30 वर्ष से कम उम्र के 6 युवा उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
ADR की यह रिपोर्ट साफ़ संकेत देती है कि बिहार में चुनाव जीतने के लिए धनबल और प्रभाव का महत्व लगातार बढ़ रहा है, जबकि युवा नेतृत्व की हिस्सेदारी अभी भी सीमित है।

















