पटना। बिहार की सियासत में गुरुवार का दिन एक बार फिर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक भव्य और रियासती माहौल के बीच, नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस समारोह में मुख्यमंत्री के साथ, बीजेपी के दो प्रमुख चेहरे सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने भी उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) के रूप में शपथ ली।
26 मंत्रियों के साथ NDA सरकार का आकार
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए की इस नई सरकार ने पूरी तरह से आकार ले लिया है। मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों समेत, कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली है।
यह मंत्रिमंडल बीजेपी, जदयू, लोजपा (आर), हम और रालोमो जैसे सहयोगी दलों के बीच शक्ति संतुलन को दर्शाता है।
दिग्गजों की मौजूदगी और रिकॉर्ड शपथ
उपस्थिति: गांधी मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और हज़ारों की संख्या में एनडीए कार्यकर्ता मौजूद रहे। पीएम मोदी और शाह की मौजूदगी ने केंद्र और राज्य के बीच मजबूत तालमेल का स्पष्ट संदेश दिया।
रिकॉर्ड: नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री बनकर न सिर्फ़ एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम किया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि बिहार की सत्ता में उनकी पकड़ आज भी उतनी ही मज़बूत है।
स्थिरता का संकेत: यह एनडीए की 8वीं सरकार है, और उसके मुखिया के रूप में नीतीश कुमार का लंबा अनुभव नए समीकरणों को स्थिरता प्रदान करने का संकेत देता है।
मकर संक्रांति के बाद होगा मंत्रिमंडल विस्तार
शपथ ग्रहण समारोह के बाद नीतीश कुमार ने संकेत दिया है कि मंत्रिमंडल का एक और विस्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति के बाद यह विस्तार होगा, जिससे कई बड़े नामों के लिए अभी भी मंत्री बनने का दरवाज़ा खुला है।
साफ़ है कि यह सरकार अनुभवी नेताओं और नए उत्साह से भरे चेहरों का मिश्रण बनकर उभरी है, जो आने वाले समय में बिहार की सियासत और विकास की दिशा तय करने जा रही है।
पटना से अजय शास्त्री की रिपोर्ट















