नागालैंड के दीमापुर से लेकर बिहार के कई जिलों तक फैले हथियार और ड्रग्स तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। AK-47 की सप्लाई से जुड़े एक मामले की एनआईए (NIA) जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि आधुनिक हथियारों के साथ–साथ बड़े पैमाने पर हेरोइन की तस्करी भी दीमापुर से बिहार भेजी जा रही थी। इस नेटवर्क में मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और पूर्वी चंपारण के कई अपराधियों की संलिप्तता सामने आई है।
AK-47 सप्लाई केस से खुला ड्रग्स तस्करी का नया नेटवर्क
एनआईए की जांच में जब दीमापुर से AK-47 और अन्य आधुनिक हथियारों की सप्लाई की परतें खुलने लगीं, तब यह भी सामने आया कि हथियारों के साथ हेरोइन की खेप भी बिहार भेजी जाती थी। बिहार STF की नारकोटिक्स सेल और मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस पूरे रैकेट को ध्वस्त करने के लिए संयुक्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और चंपारण के आरोपी शामिल
जांच में पता चला कि इस रैकेट में बिहार के कई जिलों के तस्कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। शामिल अपराधियों के नाम इस प्रकार हैं—
विकास कुमार, निवासी पोखरैरा, जैतपुर थाना, मुजफ्फरपुर
देवमनी कुमार, निवासी फकुली थाना, मुजफ्फरपुर
मंजूर उर्फ बबलू खान, निवासी मिठनपुरा, मुजफ्फरपुर
अहमद अंसारी, पूर्वी चंपारण
सत्यम कुमार, निवासी अंजानपीर, हाजीपुर
एक स्थानीय अधिवक्ता जिसकी भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है
ये सभी लंबे समय से दीमापुर से अवैध हथियारों की खरीद–फरोख्त और ड्रग्स सप्लाई में शामिल थे।
मुजफ्फरपुर में 2 करोड़ की हेरोइन बरामदगी से टूटा नेटवर्क
17 नवंबर को मुजफ्फरपुर के बैरिया बस स्टैंड से 2 करोड़ रुपये की हेरोइन बरामद होने के बाद इस नेटवर्क का सबसे बड़ा लिंक उजागर हुआ। जांच में सामने आया कि हेरोइन की यह खेप मणिपुर के तस्करों द्वारा दीमापुर भेजी गई, जहाँ से
राजेश्वर पंडित (चिरैया, मोतिहारी)
पूनम देवी (नकरदेई थाना, भवानीपुर बाजार)
को सप्लाई की गई। दोनों अवध–असम एक्सप्रेस ट्रेन से हेरोइन लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे, जहाँ STF ने कार्रवाई कर सात कड़ियाँ एक साथ जोड़ दीं।
मणिपुर में सक्रिय बिहार के तस्कर
जांच में यह भी सामने आया कि मणिपुर में मोतिहारी के
कामेश्वर पंडित
राकेश महतो
लंबे समय से सक्रिय हैं और बिहार में हेरोइन की सप्लाई चेन को नियंत्रित करते हैं। दो साल पहले कटिहार में एक करोड़ की हेरोइन के साथ पकड़ी गई मुशहरी की कोमल कुमारी भी इसी दीमापुर–मणिपुर रूट से ड्रग्स लाती थी। पूछताछ में उसके बयान से कई अहम सुराग मिले थे।
NIA, STF और कई एजेंसियां रैकेट को जड़ से खत्म करने में जुटीं
एनआईए, STF और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह न सिर्फ ड्रग्स, बल्कि हथियारों, नकली नोटों और अंतरराज्यीय अपराध का एक बड़ा सिंडिकेट है, जिससे आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
राज्य पुलिस का दावा—रैकेट पूरी तरह ध्वस्त किया जाएगा
बिहार STF का कहना है कि इस नेटवर्क की सभी कड़ियाँ चिन्हित कर ली गई हैं और अब कार्रवाई सीधे गिरफ्तारी और सप्लाई चैन तोड़ने पर केंद्रित होगी।
पटना से राहुल कुमार की रिपोर्ट

















