दिसंबर की दस्तक के साथ बिहार की सियासत नए दौर में प्रवेश करने जा रही है। नवगठित 18वीं बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा। यह सत्र सोमवार से शुक्रवार तक कुल पाँच बैठकों में चलेगा। संसदीय कार्य विभाग तैयारी में जुटा है, जबकि इस पर अंतिम मुहर नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में लगने की उम्मीद है।
प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने ली शपथ
सत्र की शुरुआत सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने से होगी। इसके लिए आलमनगर से आठवीं बार विधायक बने नरेंद्र नारायण यादव को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें राजभवन में एक सादे समारोह में शपथ दिलाई।
नरेंद्र नारायण यादव 1995 से लगातार चुनाव जीतते आए हैं—नौ बार की जीत उन्हें बिहार विधानसभा के सबसे अनुभवी नेताओं में शामिल करती है।
नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव 1 दिसंबर को
शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा।
यदि एक से अधिक नामांकन हुए तो मतदान होगा, अन्यथा सर्वसम्मति से स्पीकर चुना जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ. प्रेम कुमार, जो गया टाउन से लगातार नौवीं बार विधायक बने हैं, सबसे आगे माने जा रहे हैं। वे 1 दिसंबर को ही नामांकन दाखिल करेंगे।
सत्र में अनुपूरक बजट भी पेश करेगी सरकार
इस सत्र के दौरान राज्य सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी, जिसके माध्यम से आने वाले महीनों में शासन–प्रशासन की वित्तीय जरूरतों और प्राथमिकताओं का खाका सामने आएगा।
प्रोटेम स्पीकर की भूमिका क्यों अहम?
प्रोटेम स्पीकर का पद भले अस्थायी हो, मगर इसकी भूमिका बेहद महत्त्वपूर्ण होती है—
पहली बैठक का संचालन
नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ
नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया
यह पद नई विधानसभा की मर्यादा और प्रक्रियाओं को प्रारंभिक दिशा देता है।
बिहार की राजनीति के लिए नया अध्याय
1 दिसंबर का दिन सिर्फ़ सत्र का आरंभ नहीं होगा, बल्कि नए समीकरणों, नए नेतृत्व और सत्ता संचालन की नई दिशा के संकेत भी देगा।
बिहार की राजनीतिक जमीन पर कई बदलावों की संभावना के बीच यह सत्र बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।















