पटना से वैशाली तक अपराधियों का तांडव, सम्राट चौधरी की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल
पटना।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के गृह विभाग की कमान संभालते ही किए गए “अपराध खत्म” के दावे महज खोखले नारे साबित होते नजर आ रहे हैं। बीते सिर्फ 24 घंटे में बिहार के कई जिलों में हुई सनसनीखेज वारदातों ने कानून-व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब राजधानी पटना भी सुरक्षित नहीं रही।
पटना के बाढ़ अनुमंडल में सरेआम युवक को गोली मार दी गई। बख्तियारपुर फोरलेन मोड़ पर खुसरूपुर निवासी प्रिंस को पहले लाठी-डंडों से पीटा गया और फिर पैर में गोली दाग दी गई। वारदात दिनदहाड़े हुई, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस इसे आपसी रंजिश बताकर पल्ला झाड़ती नजर आई, लेकिन सवाल यह है कि खुलेआम फायरिंग करने वालों को कानून का डर क्यों नहीं?
इधर गोपालगंज में भी अपराधियों ने खूनी खेल खेला। मांझा थाना क्षेत्र में 18 वर्षीय पीयूष कुमार को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार दी। गंभीर हालत में उसे गोरखपुर रेफर किया गया है। परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है, जबकि अपराधी फरार हैं।
समस्तीपुर में बच्चों के मामूली विवाद पर दबंगों ने महिला शोभा देवी को बेरहमी से पीटकर अधमरा कर दिया। वहीं वैशाली के लालगंज में अमरूद देने में कुछ मिनट की देरी पर दुकानदार से मारपीट कर नकदी लूट ली गई। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद है, फिर भी अपराधियों के हौसले पस्त नहीं हुए।
एक ही दिन में चार जिलों में गोली, मारपीट और लूट की घटनाओं ने सरकार के दावों पर करारा तमाचा जड़ दिया है। सवाल सीधा है—जब गृह विभाग की कमान संभालने के बाद भी सड़कों पर अपराधियों का राज कायम है, तो आम जनता आखिर खुद को सुरक्षित कैसे माने?

















