पटना:
बिहार की धरती ने एक बार फिर लोकतंत्र की ताक़त और जागरूकता का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है।
विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण की वोटिंग पूरी होने के साथ ही बिहार ने अपने इतिहास का सबसे ऊंचा मतदान प्रतिशत दर्ज किया है — 66.91%।
यह अब तक का सर्वाधिक वोटिंग प्रतिशत है। इससे पहले यह रिकॉर्ड साल 2000 में 62.57% था।
यानि इस बार बिहार ने न केवल अपने ही पिछले रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि लोकतंत्र में अपनी आस्था का मजबूत संदेश भी दिया।
🗳️ दोनों चरणों में ऐतिहासिक मतदान
पहले चरण में 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों पर 65.08% मतदान हुआ था।
वहीं दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर 68.76% वोटिंग दर्ज की गई।
दोनों चरणों को मिलाकर कुल 7 करोड़ 45 लाख 26 हजार 858 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह आंकड़े बिहार की लोकतांत्रिक परिपक्वता का प्रमाण हैं।
👩🦰 महिलाओं ने रचा नया इतिहास
इस बार बिहार की आधी आबादी ने इतिहास बना दिया।
महिला मतदाताओं की भागीदारी 71.6% रही, जबकि पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 62.8% रहा।
पहले चरण में महिलाओं ने 69.04% और दूसरे चरण में 74.03% मतदान किया।
यानि, महिलाएं अब सिर्फ़ मतदान की भागीदार नहीं, बल्कि राजनीति की निर्णायक शक्ति बन चुकी हैं।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार,
“महिलाओं की यह भागीदारी सिर्फ़ संख्या नहीं, बल्कि एक सियासी संदेश है — कि बिहार में अब कोई भी फैसला आधी आबादी की राय के बिना संभव नहीं।”
📈 ऐतिहासिक सफर: 1951 से 2025 तक का वोटिंग ग्राफ
वर्ष कुल वोटिंग प्रतिशत
1951-52 42.6%
1967 51.51%
1980 57.28%
1990 62.04%
2000 62.57%
2020 57.29%
2025 66.91% (अब तक का सर्वाधिक)
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि बिहार का मतदाता पहले से कहीं अधिक जागरूक और सक्रिय हुआ है।
⚖️ अब टिकी नज़रें 14 नवंबर पर
इस चुनाव में कुल 2,616 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है।
पहले चरण में 1314 उम्मीदवार, जबकि दूसरे चरण में 1302 प्रत्याशी मैदान में थे।
14 नवंबर को जब मतगणना शुरू होगी, तब यह तय होगा कि इस रिकॉर्ड वोटिंग ने
किसकी तक़दीर चमकाई और किसकी सियासी यात्रा थम गई।
🧩 बड़े नाम और चर्चित सीटें
पहले चरण में तेजस्वी यादव, सम्राट चौधरी, तेज प्रताप यादव, मैथिली ठाकुर और अनंत सिंह जैसे बड़े नाम मैदान में थे।
वहीं दूसरे चरण में गया टाउन, बेतिया, चैनपुर, अमरपुर, छातापुर और जमुई जैसी सीटों पर मुकाबला बेहद रोचक रहा,
जहाँ प्रेम कुमार, रेणु देवी, जमा खान, सुमित कुमार सिंह, जयंत राज, नीरज कुमार सिंह बबलू और श्रेयसी सिंह जैसे दिग्गज उम्मीदवार चुनावी रण में थे।
🔍 क्या बदलेगा बिहार का सत्ता समीकरण?
इतिहास गवाह है —
बिहार में हर रिकॉर्ड मतदान के बाद सत्ता का समीकरण बदला है।
2015 में उच्च मतदान के बाद महागठबंधन की सरकार बनी,
जबकि 2020 में अपेक्षाकृत कम मतदान के बावजूद एनडीए ने बढ़त बनाई थी।
अब 2025 में रिकॉर्ड वोटिंग के बाद यह सवाल ज़ोर पकड़ रहा है —
क्या बिहार बदलाव के मूड में है या मौजूदा व्यवस्था को ही मज़बूती देना चाहता है?


















