मोकामा के बहुचर्चित दुलारचंद यादव हत्याकांड में आरोपी बनाए गए पूर्व विधायक अनंत सिंह को बड़ा झटका लगा है। पटना सिविल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब अनंत सिंह इस आदेश को पटना हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। फिलहाल वे बेऊर जेल में बंद हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान हुई थी हत्या
यह मामला 29 अक्टूबर का है, जब बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोकामा के घोसवरी थाना क्षेत्र के बसावनचक में राजद नेता और जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी। घटना के 24 घंटे के भीतर अनंत सिंह पर आरोप तय किए गए और 1 नवंबर की रात उन्हें गिरफ्तार कर 2 नवंबर को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें बेऊर जेल भेज दिया गया।
अनंत सिंह ने लगाया राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप
जमानत याचिका में अनंत सिंह ने खुद को पूरी तरह निर्दोष बताते हुए कहा कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है। उनका दावा है कि–
हत्या से उनका कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोप राजनीतिक छवि खराब करने के लिए गढ़े गए हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान दोनों दलों के काफिले आमने-सामने आए थे, जहां केवल मौखिक विवाद हुआ था। न किसी तरह की साजिश थी, न हमला।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भी उठाया सवाल
अनंत सिंह ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गोली नहीं, बल्कि भारी चोट पाया गया है, जो उनके खिलाफ लगे आरोपों को कमजोर करता है। उन्होंने यह भी कहा कि–
गिरफ्तारी के बाद उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया।
उनके पास से न कोई हथियार और न कोई आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ।
जनता में चर्चा और समर्थकों की उम्मीदें टूटीं
अनंत सिंह ने इस चुनाव में मोकामा सीट से जदयू प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमाई थी और राजद प्रत्याशी वीणा देवी को 28 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था।
नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के दिन उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि अनंत सिंह को जमानत में राहत मिल सकती है, लेकिन कोर्ट के फैसले ने उनकी उम्मीदें तोड़ दीं।
अब पटना हाईकोर्ट में होगी अगली लड़ाई
सिविल कोर्ट द्वारा जमानत खारिज किए जाने के बाद अनंत सिंह की कानूनी टीम अब इस फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती देगी। हाईकोर्ट में सुनवाई इस केस के अगले चरण को तय करेगी।
पटना से राहुल कुमार की रिपोर्ट

















