बिहार में धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून बनाए जाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को इस मुद्दे को उठाते हुए राज्य सरकार से धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करने की अपील की।
गिरिराज सिंह ने कहा कि सनातन संस्कृति, सामाजिक समरसता और पारंपरिक मूल्यों की रक्षा के लिए धर्मांतरण पर सख्त नियंत्रण जरूरी है। उन्होंने अपने संबोधन में गुरु परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा—
“धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह ने बलिदान दिया। हमें उनकी विरासत को बचाना होगा।”
सिंह का दावा—बिहार में सुनियोजित तरीके से हो रहा धर्मांतरण
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में कई इलाकों में संगठित रूप से धर्मांतरण की गतिविधियां बढ़ रही हैं, जिस पर रोक लगाने के लिए कानून जरूरी है।
गिरिराज सिंह पहले भी कई बार बिहार में उत्तराखंड, यूपी और मध्य प्रदेश की तर्ज पर धर्मांतरण निरोधक कानून लागू करने की मांग कर चुके हैं।
राजनीति में फिर बढ़ी गर्मी
उनके इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है।
भाजपा लगातार इस मुद्दे को उठा रही है
जबकि सत्ताधारी गठबंधन इसे ध्रुवीकरण की राजनीति बताता रहा है
फिलहाल बिहार सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन गिरिराज सिंह के बयान से स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा बड़े राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बनने वाला है।
बेगुसराई से अजय शास्त्री की रिपोर्ट















