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Bihar Teacher News: सरकारी स्कूलों में दिसंबर से शुरू होगी डिजिटल हाज़िरी प्रणाली, टैबलेट से दर्ज होगी उपस्थिति

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की डिजिटल हाज़िरी (Online Attendance System) दर्ज करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
यह व्यवस्था दिसंबर 2025 से पूरे जिले के स्कूलों में लागू की जाएगी।

📱 कैसे काम करेगी डिजिटल हाज़िरी प्रणाली

नई व्यवस्था के तहत हर क्लास के विद्यार्थियों की सामूहिक तस्वीर टैबलेट से खींची जाएगी।
क्लास टीचर अपनी लॉगइन आईडी से ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर प्रतिदिन छात्रों की उपस्थिति अपलोड करेंगे।
तस्वीरें चारों दिशाओं से ली जाएंगी ताकि हर छात्र का चेहरा साफ़ दिखे और उपस्थिति की पारदर्शिता बनी रहे।
यह प्रक्रिया हर दिन अनिवार्य होगी और तस्वीरें उसी दिन पोर्टल पर अपलोड करनी होंगी।

🎯 उद्देश्य – मिड डे मील में फर्जीवाड़े पर रोक

अक्सर शिकायतें मिलती रही हैं कि स्कूलों में उपस्थित बच्चों की संख्या और मिड डे मील के रिकॉर्ड में अंतर होता है।
कई स्कूलों में बच्चों की वास्तविक संख्या कम होने के बावजूद भोजन के आंकड़े ज़्यादा दिखाए जाते हैं।
अब टैबलेट से खींची गई तस्वीरों से यह साफ़ हो जाएगा कि कितने बच्चे वास्तव में स्कूल में मौजूद थे और कितनों ने मिड डे मील खाया।

👩‍🏫 शिक्षकों की हाज़िरी भी होगी डिजिटल

जिले के प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को दो-दो टैबलेट उपलब्ध करा दिए गए हैं।
बड़े स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर तीन टैबलेट तक दिए गए हैं।
एक टैबलेट का उपयोग छात्रों की उपस्थिति और स्कूल गतिविधियों के लिए किया जाएगा, जबकि दूसरे टैबलेट से शिक्षकों की हाज़िरी दर्ज होगी।

🗣️ जिला शिक्षा पदाधिकारी का बयान

पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) के अनुसार —

“यह पहल शिक्षा व्यवस्था में जवाबदेही बढ़ाने और पारदर्शिता लाने के लिए की जा रही है। डिजिटल उपस्थिति से शिक्षण कार्य की मॉनिटरिंग आसान होगी और बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जा सकेगी।”

💡 डिजिटल बदलाव से बढ़ेगी ईमानदारी और अनुशासन

विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल बिहार के सरकारी स्कूलों में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल पेश करेगी।
तकनीक के इस इस्तेमाल से न सिर्फ शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि फर्जी उपस्थिति और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
बिहार शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस डिजिटल सिस्टम से राज्य के स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता और नियमितता दोनों में सुधार होगा।

📊 मुख्य बिंदु संक्षेप में

दिसंबर 2025 से लागू होगी डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था।

टैबलेट से ली जाएगी छात्रों की सामूहिक तस्वीर।

ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर रोज़ाना अपलोड होगी हाज़िरी।

मिड डे मील योजना में पारदर्शिता आएगी।

शिक्षकों की हाज़िरी भी टैबलेट से दर्ज होगी।

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