बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सियासी तापमान अब रैलियों और भाषणों से आगे बढ़कर सड़कों पर उतर आया है। पटना के मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद अब गोपालगंज से हिंसा की खबर ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।
जानकारी के अनुसार, गोपालपुर इलाके में जदयू और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच टकराव हो गया, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गया। इस झड़प में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कांग्रेस समर्थक अनूप कुशवाहा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि “रास्ता देने के बावजूद हमारे झंडे फाड़े गए और कुछ लोगों ने मुझ पर हमला कर दिया। भागने की कोशिश में मैं गिर गया, जिसके बाद सिर पर चाकू से वार किया गया।”
घटना जदयू उम्मीदवार अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय और कांग्रेस प्रत्याशी हरिनारायण कुशवाहा के समर्थकों के बीच हुई बताई जा रही है। हालांकि कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, दोनों दलों के आधिकारिक कार्यकर्ता मौके पर मौजूद नहीं थे।
दोनों पक्षों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इन घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या लोकतंत्र का यह पर्व शांतिपूर्ण रहेगा या सियासी कटुता हिंसा में तब्दील होती जा रही है।
मोकामा में हत्या और अब गोपालगंज की यह झड़प दिखाती है कि बिहार की सियासत जितनी गर्म मंचों पर है, उतनी ही सुलगती ज़मीन पर भी है। सत्ता की जंग जारी है, लेकिन लोकतंत्र की साख भी दांव पर लगी है।

















