पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए बड़े वादे—1 करोड़ सरकारी नौकरी और रोजगार—को पूरा करने की दिशा में गुरुवार को महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि नई सरकार बनने के साथ ही राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया को तेज, परीक्षाओं को पारदर्शी और रिक्तियों की भरती को समयबद्ध करने की दिशा में युद्धस्तर पर काम शुरू हो चुका है।
50 लाख युवाओं को 2020–25 में मिला रोजगार, अब 1 करोड़ का लक्ष्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि सात निश्चय–2 के तहत 2020 से 2025 के बीच सरकार ने 50 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराया।
अब अगले पांच वर्षों (2025–30) में सरकार ने 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है।
उन्होंने कहा—
“राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, यह हमारी सदैव प्राथमिकता रही है। नई सरकार के गठन के बाद हमने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं।”
31 दिसंबर 2025 तक रिक्तियों का पूरा ब्योरा तैयार करने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी प्रशासी विभागों, प्रमंडलीय आयुक्तों, पुलिस मुख्यालय और सभी जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि—
सभी विभाग 31 दिसंबर 2025 तक रिक्त पदों का पूरा विवरण सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को उपलब्ध कराएं।
इसके बाद GAD रिक्तियों की जांच कर नियुक्ति आयोगों को भेजेगा ताकि भर्ती प्रक्रिया तुरंत शुरू की जा सके।
इससे राज्य में मौजूद हजारों रिक्तियों को व्यवस्थित तरीके से भरा जा सकेगा।
जनवरी 2026 में वर्षभर का भर्ती कैलेंडर जारी होगा
राज्य के सभी नियुक्ति आयोगों और चयन एजेंसियों को निर्देशित किया गया है कि—
जनवरी 2026 में पूरा वार्षिक भर्ती कैलेंडर जारी करें।
इसमें विज्ञापन की तिथियां, परीक्षा की संभावित तिथि, और अंतिम परिणाम प्रकाशित होने की तिथि स्पष्ट रूप से दी जाएगी।
सबसे अहम निर्देश:
किसी भी भर्ती प्रक्रिया में आवेदन प्रकाशित होने से अंतिम परिणाम आने तक 1 वर्ष से अधिक समय नहीं लगना चाहिए।
यह पहली बार होगा जब बिहार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए इतना स्पष्ट और समयबद्ध रोडमैप जारी करेगा।
परीक्षाओं में पारदर्शिता पर कड़े निर्देश
सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि बिहार में अब हर परीक्षा—
पारदर्शी, सुरक्षित और पूरी तरह भ्रष्टाचार-मुक्त तरीके से आयोजित की जाएगी।
किसी भी अनियमितता के मामले में तत्काल कार्रवाई होगी।
दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से दंडित करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने परीक्षाओं में अनैतिक तरीकों की रोकथाम के लिए कठोर निगरानी रखने पर भी जोर दिया।
CBT परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी
सरकार ने निर्देश दिया है कि—
बिहार में ऑनलाइन CBT (Computer Based Test) परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए।
इससे परीक्षाओं को समय पर आयोजित करने और युवाओं की सुविधा में बड़ी मदद मिलेगी।
युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा—
“हम चाहते हैं कि बिहार के युवा आत्मनिर्भर बनें, दक्ष हों और उन्हें भरपूर रोजगार मिल सके। सभी परीक्षाएं समय पर और पूरी पारदर्शिता के साथ होंगी।”
सरकार का उद्देश्य है कि बिहार के युवाओं को न सिर्फ सरकारी नौकरी मिले, बल्कि राज्य में रोजगार अवसरों का व्यापक विस्तार हो।















