फर्जीवाड़े पर कसा डिजिटल शिकंजा, आधार फेस प्रमाणीकरण से ही सब्सिडी का लाभ
फर्जीवाड़े और दलालों पर डिजिटल शिकंजा, आधार फेस प्रमाणीकरण से ही सब्सिडी का लाभ
नई दिल्ली: एलपीजी सब्सिडी के खेल में वर्षों से चल रहे फर्जीवाड़े और दलालों की सेंधमारी पर अब केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण और ई-केवाइसी (e-KYC) प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन, आसान और निःशुल्क कर दिया है। इसका उद्देश्य है कि सब्सिडी असल उपभोक्ता तक पहुंचे और फर्जी कनेक्शन या गलत लाभार्थियों की पहचान हो सके।
ई-केवाइसी अब स्मार्टफोन पर मिनटों में संभव
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ता अब किसी एजेंसी या आधार केंद्र के चक्कर काटने के बजाय सीधे https://www.pmuy.gov.in/e-kyc.html वेबसाइट पर जाकर या वहां मौजूद QR कोड स्कैन कर अपने स्मार्टफोन से कुछ ही मिनटों में ई-केवाइसी पूरी कर सकते हैं।
इसके लिए उपभोक्ताओं को अपनी तेल विपणन कंपनी का मोबाइल ऐप और ‘आधार फेस रीड’ ऐप डाउनलोड करना होगा। एप में दिए निर्देशों के अनुसार फेस स्कैन के जरिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण किया जाएगा और पूरी प्रक्रिया बिना किसी शुल्क के पूरी होगी।
फर्जी कनेक्शन और गलत लाभार्थियों पर सीधे वार
सरकार का दावा है कि इस डिजिटल पहल से फर्जी कनेक्शन, गलत लाभार्थी और सब्सिडी के नाम पर चल रहे खेल पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी खजाने की रकम सही हाथों तक पहुंचे।
सालाना ई-केवाइसी अनिवार्य
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को हर वित्तीय वर्ष ई-केवाइसी कराना अनिवार्य होगा। इसके बिना 8वीं और 9वीं रिफिल पर मिलने वाली सब्सिडी रुक जाएगी। ई-केवाइसी नहीं होने पर लाभार्थी को सब्सिडी से वंचित होना पड़ेगा।
ग्रामीण इलाकों, महिलाओं और बुजुर्गों को राहत
नई डिजिटल व्यवस्था से खासकर ग्रामीण इलाकों, महिलाओं और बुजुर्ग उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। अब उन्हें लंबी कतारों, अतिरिक्त खर्च और दलालों से निजात मिलेगी।
कुल मिलाकर, इस नई पहल से सब्सिडी वितरण की पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े पर कड़ा नियंत्रण संभव होगा। आधार अब चौकीदार की तरह खड़ा है, जहां गड़बड़ी करने वालों के लिए जगह दिन-ब-दिन कम होती जा रही है।


















