बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी और अप्रत्याशित हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव, सभी विजयी विधायक और पराजित प्रत्याशी शामिल हुए। पूरी बैठक का फोकस चुनावी नतीजों, वोट अंतर, और चुनाव प्रक्रिया पर उठे गंभीर सवालों पर रहा।
सूत्रों के अनुसार, एनडीए को मिली बड़ी जीत पर अभी भी RJD को भरोसा नहीं है और पार्टी अब परिणामों को चुनौती देने के लिए कोर्ट जाने की तैयारी में है।
बैठक में मौजूद परबत्ता के पूर्व विधायक डॉ. संजीव कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि चुनाव परिणाम “सामान्य परिस्थितियों में संभव नहीं” हैं। उन्होंने दावा किया कि—
“जो नतीजा आया है वह हैरान करने वाला है। यह बिना किसी सेंटिंग के संभव नहीं। हमने भी अपने क्षेत्र में काफी विकास कार्य किए, लेकिन फिर भी हार गए।”
डॉ. संजीव कुमार ने एक बार फिर ईवीएम में सेंटिंग का आरोप दोहराया। उनका कहना है कि चुनाव से पहले 65 सीटों की एक विशेष लिस्ट तैयार की गई थी, जिसमें उनकी सीट भी शामिल थी। यह लिस्ट एक अधिकारी के पास थी और उन्होंने खुद इसे देखा था। आरोप है कि इन्हीं 65 सीटों को “टारगेट” किया गया था।
उन्होंने RJD के जीते हुए विधायकों के वोटों के अंतर पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि—
“25 विधायकों में कई ऐसे हैं जिनकी जीत 50 हजार वोटों से होनी चाहिए थी, लेकिन उन्हें सिर्फ 10-11 हजार वोटों के अंतर से घोषित विजेता बनाया गया। यह सामान्य नहीं है।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग राजद को समर्थन न मिलने की बात कर रहे हैं, वे गलत हैं, क्योंकि पार्टी को कुल 1.80 करोड़ वोट मिले हैं, जो स्पष्ट रूप से बताता है कि जनता ने बड़ी संख्या में राजद के पक्ष में मतदान किया।
बैठक के बाद पार्टी नेताओं ने संकेत दिया कि यदि चुनाव आयोग इन संदेहों पर ठोस स्पष्टीकरण नहीं देता, तो RJD मामले को अदालत में ले जाने के लिए तैयार है।


















