पटना: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में शनिवार को आयोजित सिंडिकेट की बैठक कई महत्वपूर्ण शैक्षिक और प्रशासनिक निर्णयों की गवाह बनी। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. उपेंद्र प्रसाद सिंह ने की, जिसमें 22वीं और 23वीं वित्त समिति, 20वीं एएनटीपीसी तथा 17वीं विद्वत परिषद की बैठकों के प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की गई और अधिकांश बिंदुओं को सदस्यों ने अपनी मंज़ूरी प्रदान की। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे शैक्षणिक ढांचे को मज़बूत बनाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम बताया।
पीएचडी कोर्स वर्क फ़ीस बढ़ोतरी को मंज़ूरी
बैठक में सबसे प्रमुख और चर्चा का विषय रहा पीएचडी कोर्स वर्क की फ़ीस में बढ़ोतरी। व्यापक विमर्श और सभी पक्षों की राय लेने के बाद फ़ीस संशोधन को अंतिम मंज़ूरी दी गई।
साथ ही, पीएचडी कोर्स वर्क के सिलेबस अपडेट और सुधार को भी हरी झंडी मिली, जिससे शोधकर्ताओं के लिए पाठ्यक्रम अधिक गुणवत्तापूर्ण और समकालीन हो सके।
कई विषयों का सिलेबस अपडेट
सिंडिकेट ने निम्नलिखित विषयों के पाठ्यक्रम को नए स्वरूप में ढालने पर सहमति जताई—
मैथिली
होम साइंस
पर्शियन
मनोविज्ञान
केमेस्ट्री
प्राकृत
विश्वविद्यालय का कहना है कि अद्यतन सिलेबस विषयों की आधुनिकता और उपयोगिता को बढ़ाएगा।
एलएलएम और नए वोकेशनल कोर्सों को हरी झंडी
बैठक में दो कॉलेजों में एलएलएम (LLM) कोर्स शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली।
इसके साथ ही आठ कॉलेजों में नए वोकेशनल कोर्स शुरू करने की मंज़ूरी भी दी गई, जिससे कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
नई विभागों की स्थापना का प्रस्ताव पारित
सिंडिकेट ने संस्कृत, पाली और मैथिली—इन तीन विषयों में नए विभाग खोलने का प्रस्ताव भी पारित किया।
इसके अलावा, जिन कॉलेजों में स्नातक स्तर की पढ़ाई चल रही है, वहां अब संबंधित विषयों में स्नातकोत्तर (PG) शिक्षा शुरू करने का रास्ता भी साफ हो गया।
प्रस्ताव अब राजभवन और राज्य सरकार को भेजे जाएंगे
सभी पारित प्रस्तावों को अब राजभवन और राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। वहां से अंतिम हरी झंडी मिलने के बाद ये नियम विश्वविद्यालय में लागू होंगे। इसके बाद सीनेट की बैठक में इन्हें अंतिम मंज़ूरी प्राप्त होगी।
एईडीपी के तहत नए कोर्स और कई शैक्षणिक सुधारों को मंज़ूरी
सिंडिकेट ने निम्न महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंज़ूरी दी—
एईडीपी (AEDP) के तहत नए कोर्स शुरू करना
बोर्ड ऑफ स्टडीज़ का गठन
पाँचवें सेमेस्टर में इंटर्नशिप अनिवार्य करना
पीएमआईआर को रेगुलर मोड में संचालित करना
दो और चार सेमेस्टर बाद एग्ज़िट ऑप्शन देने का प्रावधान
इन सुधारों को उच्च शिक्षा को अधिक लचीला और व्यावहारिक बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
शैक्षणिक और शिक्षकेतर स्टाफ की नियुक्ति को स्वीकृति
बैठक में विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा छह विषयों में अनुशंसित सहायक प्राध्यापकों के नामों को मान्यता दी गई।
साथ ही, नवनियुक्त प्राचार्यों की नियुक्ति और शिक्षकेतर कर्मचारियों की प्रोन्नति से जुड़ी सिफ़ारिशों को भी अंतिम मंज़ूरी प्रदान की गई।
शिक्षा जगत के लिए बड़ा कदम
सिंडिकेट की यह बैठक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में शैक्षणिक ढांचे, कोर्स संरचना और संसाधनों को आधुनिक व प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम मानी जा रही है।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, इन फैसलों से छात्रों, शोधार्थियों और शिक्षकों—तीनों के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।
पटना से राहुल कुमार की रिपोर्ट


















