उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी का यूपी भाजपा अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। शनिवार को उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन की अंतिम समय सीमा तक उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने पर्चा दाखिल नहीं किया, जिससे उनका निर्विरोध निर्वाचन सुनिश्चित हो गया है।
पंकज चौधरी के नामांकन प्रस्तावक स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने, जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी उनके प्रस्तावकों में शामिल रहे। इसके अलावा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक समेत पार्टी के कुल 10 वरिष्ठ नेताओं ने उनके नाम का समर्थन किया।
रविवार को होगी औपचारिक घोषणा
भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष चयन प्रक्रिया के तहत रविवार को लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल औपचारिक रूप से नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे। शनिवार को नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हुई, जबकि रविवार को नामांकन की जांच और नामांकन पत्रों की वापसी होगी। इसके बाद 14 दिसंबर को नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।
ओबीसी राजनीति को मिला और बल
पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की कुर्मी जाति से आने वाले पंकज चौधरी को पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिना जाता है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भरोसेमंद नेताओं में शामिल माने जाते हैं। उनके अध्यक्ष बनने से यूपी में भाजपा की ओबीसी केंद्रित राजनीति को और मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों का इतिहास
मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भाजपा के 17वें प्रदेश अध्यक्ष हैं, हालांकि चेहरों की गिनती के लिहाज से वह 15वें नेता हैं। वर्ष 1980 में पार्टी गठन के बाद पहले प्रदेश अध्यक्ष माधो प्रसाद त्रिपाठी बने थे। 2017 तक, कल्याण सिंह और विनय कटियार को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर समय प्रदेश अध्यक्ष पद पर ब्राह्मण और क्षत्रिय नेताओं का वर्चस्व रहा। बीते लगभग एक दशक में भाजपा की राजनीति में ओबीसी वर्ग की भूमिका मजबूत हुई है और अब पंकज चौधरी के रूप में एक और ओबीसी नेता को बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है।
संगठन और चुनावी रणनीति पर रहेगी नजर
पंकज चौधरी के अध्यक्ष बनने के बाद 2027 के विधानसभा चुनाव और संगठनात्मक मजबूती को लेकर उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है। पार्टी नेतृत्व को उनसे संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूत करने की उम्मीद है।
भड़कता बिहार डेस्क
















