बिहार में अपराध पर लगाम लगाने के दावों के बीच छपरा और गोपालगंज के दो प्रमुख धार्मिक केंद्रों में चोरी की घटनाओं ने कानून-व्यवस्था को चुनौती दे दी है।
छपरा का बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर
छपरा के प्राचीन और ऐतिहासिक बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर में चोरों ने सुनियोजित तरीके से सेंध लगाई। चोरों ने रेकी के बाद मंदिर को निशाना बनाया और कीमती जेवरात व दानपात्र में रखी नगदी लेकर फरार हो गए। यह वही मंदिर है, जहां हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु मत्था टेकते हैं।
घटना के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया। सारण के एसएसपी डॉ. कुमार आशीष मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुजारी व मंदिर प्रबंधन से पूछताछ की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर फिंगरप्रिंट, टूटे ताले और आने-जाने के रास्तों की जांच शुरू कर दी।
गोपालगंज का थावे दुर्गा मंदिर
इसी दिन गोपालगंज के विश्वप्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर में भी चोरों ने धावा बोला। देर रात मंदिर के अंदर घुसे चोरों ने मां दुर्गा की प्रतिमा से सोना-चांदी का मुकुट, हार, छतरी और अन्य कीमती आभूषण चुरा लिए। इसके अलावा, मंदिर परिसर में लगे लॉकर को तोड़कर नकदी और बहुमूल्य सामान भी ले गए।
गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने बताया कि दो अज्ञात चोरों ने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था और सीढ़ी लगाकर पीछे से मंदिर में प्रवेश किया। उन्होंने कटर की मदद से ताले तोड़े और वारदात को अंजाम दिया।
सवाल उठता है सुरक्षा व्यवस्था पर
एक ही दिन में दो बड़े मंदिरों में हुई चोरी ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अपराधियों के लिए अब आस्था के केंद्र भी सुरक्षित नहीं रहे? गृह विभाग के दावों और जमीनी हकीकत के बीच की खाई अब साफ नजर आने लगी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ही इन वारदातों का खुलासा नहीं हुआ, तो चोरों के हौसले और बुलंद होने का खतरा है।
















