मोतीहारी: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में मोतीहारी जिला सुर्खियों में है। इस जिले ने इस बार 71.55 प्रतिशत मतदान दर्ज कर इतिहास रच दिया। 12 विधानसभा सीटों वाले इस जिले में महिलाओं ने मतदान में बाज़ी मारते हुए पुरुषों से 11 प्रतिशत अधिक वोट डाले, जिससे सभी राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा गए हैं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, मोतीहारी जिले में कुल 34,42,266 मतदाता हैं, जिनमें से 24,63,014 ने वोट डाले। इनमें 12,17,764 पुरुष और 12,45,242 महिलाएं शामिल हैं। पुरुष मतदान प्रतिशत 66.36%, जबकि महिला मतदान 77.49% रहा।
यह असमानता अब राजनीतिक दलों के लिए नई पहेली बन गई है।
चाय की दुकानों से लेकर पार्टी कार्यालयों तक — हर जगह जोड़-घटाव का दौर जारी है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अपने-अपने तरीके से आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं। कई प्रत्याशी अब “भगवान भरोसे” हैं, क्योंकि मतगणना में बस एक दिन का इंतज़ार बाकी है।
2020 के विधानसभा चुनाव में मोतीहारी की 12 सीटों में से 9 सीटें एनडीए और 3 सीटें राजद के खाते में गई थीं। लेकिन इस बार उच्च मतदान प्रतिशत और महिला मतदाताओं की रिकॉर्ड भागीदारी के कारण राजनीतिक विश्लेषक भी उलझ गए हैं। एक्जिट पोल में महागठबंधन को हल्की बढ़त के संकेत मिले हैं, पर असली नतीजे 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होने वाली मतगणना में सामने आएंगे।
प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों का मतदान प्रतिशत:
रक्सौल: 75.11%
केसरिया: 67.52%
सुगोली: 69.93%
कल्याणपुर: 72.40%
नरकटिया: 73.57%
पिपरा: 72.43%
हरसिद्धि: 73.72%
मधुबन: 68.38%
गोविंदगंज: 68.88%
मोतिहारी (सदर): 72.93%
चिरैया: 68.33%
ढाका: 73.16%
सबसे अधिक मतदान रक्सौल (75.11%) में हुआ, जबकि सबसे कम केसरिया (67.52%) में दर्ज किया गया।
अब सबकी निगाहें इस सवाल पर हैं —
“क्या महिलाओं की बढ़ी हुई भागीदारी बिहार की सत्ता की दिशा बदल देगी?”
14 नवंबर की मतगणना तय करेगी कि मोतीहारी में एनडीए अपनी पकड़ बरकरार रखता है या महागठबंधन सेंधमारी करने में सफल होता है।


















