बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद राज्य में नई सरकार गठन की गतिविधियाँ बेहद तेज हो गई हैं। एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद अब सत्ता गठन को लेकर राजनीतिक हलचल अपने चरम पर है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सभी जेडीयू विधायकों को रविवार शाम तक हर हाल में पटना पहुंचने का सख्त निर्देश जारी किया है।
सोमवार को नीतीश की विधायकों से महत्वपूर्ण मुलाकात
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान जेडीयू विधायक दल की औपचारिक बैठक भी संभावित है, जिसमें सरकार गठन से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिये जा सकते हैं।
इस बैठक को राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।
एनडीए का बड़ा प्रदर्शन—आराम से बहुमत के पार
चुनाव परिणामों के मुताबिक इस बार एनडीए ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है:
बीजेपी – 89 सीटें
जेडीयू – 85 सीटें
लोजपा (रामविलास) – 19 सीटें
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) – 5 सीटें
रालोमा – 4 सीटें
कुल मिलाकर गठबंधन आराम से बहुमत के आंकड़े को पार कर चुका है और सरकार गठन में किसी प्रकार की बाधा नहीं है।
नीतीश का निर्देश राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण
विधायकों को तुरंत पटना बुलाने के निर्देश को राजनीतिक गलियारों में बड़ा संकेत माना जा रहा है।
बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा संभव है:
नई सरकार के गठन की रणनीति
मुख्यमंत्री पद पर सहमति
मंत्रिमंडल का आकार और विभागों का बंटवारा
सहयोगी दलों के बीच सत्ता-साझेदारी का फॉर्मूला
जेडीयू के भीतर माहौल यही है कि नीतीश कुमार को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी जाएगी। विधायकों द्वारा उनके नाम पर औपचारिक मुहर लगने की संभावना है।
एनडीए में सीट बंटवारे और गठबंधन की रूपरेखा पर चर्चा
जदयू की बैठक के बाद एनडीए के घटक दलों की संयुक्त बैठक भी तय मानी जा रही है, जिसमें
सीट बंटवारा,
संभावित उपमुख्यमंत्री पद,
मंत्रिमंडल विस्तार
जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अंतिम फैसला किया जा सकता है।
पूरा बिहार इस प्रस्तावित बैठक पर निगाहें जमाए हुए है, क्योंकि यहीं से नई सरकार की औपचारिक शुरुआत का संकेत मिल सकता है।
नीतीश कैबिनेट के 29 में से 28 मंत्री जीते
जारी परिणामों में नीतीश कुमार की कैबिनेट के 29 मंत्रियों में से 28 मंत्री अपनी सीट जीतने में सफल रहे हैं।
सिर्फ मंत्री सुमित कुमार सिंह को हार का सामना करना पड़ा है।
यह नतीजे न केवल नीतीश सरकार के प्रति जनता के समर्थन का संकेत देते हैं बल्कि जेडीयू–बीजेपी गठबंधन की मजबूती को भी दर्शाते हैं।
















