पटना। बिहार में नई एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण के साथ ही राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और 26 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद आरजेडी लगातार मंत्रिमंडल पर परिवारवाद और पक्षपात के आरोप लगा रही है। इसी राजनीतिक घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरजेडी नेतृत्व और लालू प्रसाद यादव के परिवार पर सीधा हमला बोला है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि “लालू यादव का परिवार जिन तरह के विवादों में घिरता रहा है, उससे बिहार शर्मिंदा होता है।” उन्होंने कहा कि जब किसी नेता का अपना घर ही आरोपों से घिरा हो, तो जनता उनसे कैसी उम्मीद रख सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार चुनाव परिणाम ने साफ कर दिया है कि जनता ने आरजेडी को जवाब दे दिया है। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें जनता का संदेश स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए।
SIR प्रक्रिया को लेकर तनाव — केंद्र बनाम बंगाल सरकार
चुनाव खत्म होने के बाद अब देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सबसे अधिक राजनीतिक तनाव पश्चिम बंगाल में है, जहाँ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस प्रक्रिया का खुलकर विरोध कर रही हैं।
गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर कहा कि—
“SIR एक संवैधानिक प्रक्रिया है, यह बंगाल में हर हाल में लागू होगी।”
बंगाल सरकार चाहे विरोध करे, केंद्र प्रक्रिया को रोकने नहीं देगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में अवैध घुसपैठियों के कारण कानून-व्यवस्था बिगड़ती गई है और सरकार इन पर कार्रवाई से बचती रही है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या नेटवर्क राज्य में असुरक्षा बढ़ा रहे हैं तथा केंद्र इस पर सख्त कदम उठाने जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि—
“ममता बनर्जी अब ऐसे लोगों को बचा नहीं पाएंगी।”
और बंगाल की पहचान को “बांग्लादेश बनने” से रोकना ज़रूरी है।
BSF की निगरानी बढ़ी, घुसपैठियों की गतिविधि बढ़ने के संकेत
SIR प्रक्रिया शुरू होते ही BSF ने सीमा चौकियों पर गतिविधि बढ़ती देखी है। अधिकारियों के अनुसार, कई लोग सीमा पार वापस लौटने की कोशिश करते देखे गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने निगरानी बढ़ा दी है।
इधर बंगाल में टीएमसी का कहना है कि—
SIR को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है,
केंद्र इस प्रक्रिया के ज़रिए राज्य में ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहा है।
गिरिराज सिंह के बयान के बाद राज्य और केंद्र के बीच विवाद और तेज हो गया है, जबकि SIR के हर चरण पर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।

















