बिहार सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को धरातल पर मजबूत करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इसी प्रयास का हिस्सा है राजधानी पटना का गार्डनियर रोड अस्पताल, जिसे अब पूरी तरह आधुनिक और अत्याधुनिक तकनीक से विकसित किया जा रहा है।
लक्ष्य स्पष्ट है कि राजधानी के लोग बेहतर इलाज के लिए दूसरे जिलों या राज्य से बाहर न जाएँ। नए निर्माण के बाद यह अस्पताल पटना का प्रमुख सरकारी चिकित्सा केंद्र बनेगा, जहाँ मरीजों को सभी सुविधाएँ एक ही जगह उपलब्ध होंगी।
अस्पताल के निदेशक मनोज सिन्हा के अनुसार, अस्पताल के पूर्ण रूपांतरण की योजना तैयार हो चुकी है और इसके लिए नया डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) भी बनाया जा रहा है। रिनोवेशन के दौरान आधुनिक तकनीक, उन्नत मशीनें और नई स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल किया जाएगा, ताकि मरीजों को हर तरह की जांच और उपचार एक ही परिसर में उपलब्ध कराया जा सके।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजना
फिलहाल अस्पताल में केवल 5 से 10 बेड की सुविधा है और कई प्रकार की जांच बाहर करानी पड़ती हैं। नवनिर्माण कार्य के पूरा होने पर अस्पताल की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। नए DPR के मुताबिक, पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त कर सात मंज़िला आधुनिक अस्पताल का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 100 अतिरिक्त बेड लगाए जाएंगे।
इसके साथ ही डॉक्टरों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि मरीजों को किसी अन्य अस्पताल की ओर रुख न करना पड़े।
कोरोना काल में अस्पताल की भूमिका
कोरोना महामारी के दौरान गार्डनियर रोड अस्पताल ने अपनी उपयोगिता साबित की थी। उस दौरान बड़ी संख्या में मरीजों की जांच और वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। अब सरकार का उद्देश्य इसे स्थायी रूप से राजधानी का महत्वपूर्ण मेडिकल हब बनाना है, जहाँ प्राथमिक उपचार से लेकर उन्नत मेडिकल सुविधाओं तक सब कुछ उपलब्ध होगा।
अस्पताल के रिनोवेशन की खबर पर मरीजों ने राहत और खुशी व्यक्त की है।
हिमांशु : “नयी सुविधा बहाल होनी चाहिए। इससे गरीब मरीजों को बहुत सहायता मिलेगी। अब इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा।”
अमित : “प्राइवेट अस्पताल छोटे-छोटे टेस्ट के लिए भी भारी फीस लेते हैं। गार्डनियर रोड अस्पताल का रिनोवेशन होना बेहद खुशी की बात है। इससे मरीजों की परेशानी कम होगी।”
सरकार को उम्मीद है कि नवनिर्मित अस्पताल के शुरू होने के बाद पटना ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा। अस्पताल के उन्नयन से समय, पैसा और परेशानी तीनों ही कम होंगे।
राहुल कुमार की रिपोर्ट


















