पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली में मंथन किया। इस दौरान सियासी गलियारों में कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन के भविष्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इस सिलसिले में बड़ा बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के वर्कर गठबंधन के पक्ष में नहीं थे, जबकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव सभी के साथ मिलकर लड़ना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने दिखाया बड़ा दिल
बातचीत में मंगनी लाल मंडल ने कहा—
“तेजस्वी जी ने बड़ा दिल दिखाया। कांग्रेस को 61 सीटें दीं, लेकिन कांग्रेस अड़ गई। चुनाव में जगह-जगह हमारे अधिकृत उम्मीदवार थे, उसके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर दिया। अगर कांग्रेस अलग रहने का फैसला करती है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। अलग रहकर चुनाव लड़ें। जो लड़ेगा, उसको उसकी ताकत का पता चलेगा।”
हार में कांग्रेस को भी ठहराया जिम्मेदार
जब उनसे पूछा गया कि महागठबंधन की हार का कारण क्या कांग्रेस थी, मंगनी लाल मंडल ने कहा—
“कांग्रेस भी एक कारण है। महागठबंधन का जो निर्णय हुआ उस पर हमें पछतावा नहीं है। कांग्रेस को पछतावा है। अब कांग्रेस कहती है कि अकेले लड़ेंगे तो उन्हें मुबारक हो। हमारी पार्टी ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।”
चुनाव परिणामों का संक्षिप्त विवरण
कांग्रेस ने बिहार में 61 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन 19 सीटें ही जीतीं।
आरजेडी ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, परिणामस्वरूप उन्हें 25 सीटें मिलीं।
महागठबंधन को बिहार में एनडीए से करारा झटका लगा।
वीआईपी जैसे गठबंधन सदस्य दल अपनी स्थिति सुधारने में नाकाम रहे।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम भी चुनाव हार गए।
















