नई दिल्ली: देश में कैंसर की बढ़ती समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों से कैंसर को देशव्यापी बीमारी घोषित करने की मांग पर जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम देश में कैंसर की निगरानी और प्रबंधन व्यवस्था की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उठाया है। अदालत ने कहा कि यह मुद्दा केवल स्वास्थ्य का नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से जुड़ा है।
न्यायालय ने केंद्र और राज्यों से कैंसर के आंकड़े, उपचार और रोकथाम की योजनाओं से संबंधित विस्तृत जानकारी देने को कहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कैंसर को राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर बीमारी घोषित किया जाता है तो इससे इलाज की पहुंच, वित्तीय सहायता और जागरूकता में सुधार होगा।
इस फैसले से देश में कैंसर प्रबंधन और स्वास्थ्य नीतियों को लेकर नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

















