भारत की सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक दिवाली को यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन) की इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज (अमूर्त विश्व धरोहर) की सूची में शामिल कर दिया गया है। यूनेस्को ने बुधवार को इसकी घोषणा की और भारत को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी।
इस घोषणा के साथ ही घाना, जॉर्जिया, कांगो, इथियोपिया और मिस्र सहित कई देशों की सांस्कृतिक परंपराएं भी अमूर्त विश्व धरोहर सूची में जुड़ी हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दिवाली हमारी सभ्यता की आत्मा है और यह हमारी सांस्कृतिक पहचान को विश्व के सामने पेश करती है।”
यह फैसला दिल्ली में चल रही यूनेस्को की इंटर-गवर्नमेंटल कमेटी फॉर इंटैन्जिबल हेरिटेज की 20वीं बैठक के दौरान आया है, जो 8 से 13 दिसंबर तक आयोजित की जा रही है। इसी मौके को देखते हुए केंद्र सरकार ने 10 दिसंबर को विशेष दीपावली समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है।
भारत की पहले से सूचीबद्ध 15 अमूर्त विश्व धरोहरों में शामिल हैं:
- दुर्गा पूजा
- कुंभ मेला
- वैदिक मंत्रोच्चार
- रामलीला
- छाऊ नृत्य
इस तरह दिवाली अब विश्व स्तर पर भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बन गई है, जो हमारी समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विविधता को उजागर करती है।





















