बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में गहरा बिखराव उभरकर सामने आ रहा है। कभी बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत रही राजद इस चुनाव में मात्र 25 सीटों पर सिमट गई, और अब इस हार का असर सीधे पार्टी के भीतर और लालू परिवार के रिश्तों पर दिखाई दे रहा है।
चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी में मनमुटाव और आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। इस बीच सबसे बड़ा विवाद तब सामने आया, जब लालू प्रसाद यादव को किडनी देने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार और पार्टी—दोनों से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया।
🔹 रोहिणी आचार्य का भावनात्मक और विवादास्पद बयान
रोहिणी ने सोमवार सुबह लगातार दो ट्वीट कर परिवार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि उन्हें गालियाँ दी गईं, अपमानित किया गया और यहां तक कि चप्पल से मारने की कोशिश की गई।
रोहिणी के मुताबिक, उनसे कहा गया कि उन्होंने अपने पिता को “गंदी किडनी” दी और इसके बदले “करोड़ों रुपये और टिकट” लिया।
अपने भावुक ट्वीट में उन्होंने लिखा:
“सभी बेटियाँ और बहनें याद रखें—अपने पिता को बचाने की गलती मत कीजिए। मुझे कहा गया कि मैंने अपने पिता को गंदी किडनी लगा दी। मेरे पति और बच्चों को छोड़कर मैंने जो बलिदान दिया, उसे आज गंदा कहा जा रहा है।”
उन्होंने यह भी लिखा कि उन्हें अपने “मायके से निकाल दिया गया” और “अनाथ” बना दिया गया।
🔹 राजनीति और परिवार दोनों से दूरी
एक अन्य ट्वीट में रोहिणी ने कहा:
“मैं राजनीति छोड़ रही हूँ और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूँ… संजय यादव और रमीज़ ने मुझसे यही कहा था। मैं पूरा दोष अपने ऊपर ले रही हूँ।”
शाम को वह लालू यादव के घर से निकल गईं और एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए बोलीं:
“अब मेरा कोई परिवार नहीं है। यह संजय यादव, रमीज़ और तेजस्वी यादव से पूछिए—उन्होंने ही मुझे परिवार से निकाला है।”
उनके अनुसार, पार्टी की हार का असली कारण जब भी पूछा जाता है और जब संजय यादव एवं रमीज़ का नाम लिया जाता है, तो उन्हें चुप करा दिया जाता है।
🔹 परिवारिक विवाद और राजनीतिक संकट एक साथ
रोहिणी की यह नाराज़गी और सार्वजनिक बयानबाज़ी स्पष्ट करती है कि राजद न सिर्फ़ राजनीतिक संकट से गुजर रही है बल्कि परिवार के भीतर भी बड़ा दरार पैदा हो चुका है।
उनके भावुक संदेशों ने यह संकेत दे दिया है कि मामला अब बहुत आगे बढ़ चुका है और सुलझने की गुंजाइश बेहद कम दिखाई देती है।















