बिहार में नई सरकार के गठन और विभागों के बंटवारे के बाद अब 1 दिसंबर से 18वीं विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। इसी दिन सभी 243 नवनिर्वाचित विधायक शपथ लेंगे। लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल मोकामा से 28,000 वोटों से जीतकर आने वाले जदयू विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह को लेकर खड़ा हो गया है—
क्या वे जेल से बाहर आकर शपथ ले पाएंगे?
जेल में बंद है बाहुबली विधायक
अनंत सिंह वर्तमान में बेऊर जेल में बंद हैं। उनपर जन सुराज समर्थक व बाहुबली नेता दुलारचंद यादव की हत्या का आरोप है। उनकी जमानत याचिका हाल ही में पटना सिविल कोर्ट ने खारिज कर दी, जिसके बाद उनके जेल से निकलने की संभावनाएं कम हो गई हैं।
2020 की तरह इस बार भी पैरोल की उम्मीद?
यह पहला मौका नहीं है जब अनंत सिंह ने जेल में रहकर चुनाव जीता है।
साल 2020 के चुनाव में भी वे जेल में थे, लेकिन तब पैरोल मिल गया था और उन्होंने सदन में जाकर शपथ ली थी।
लेकिन इस बार हालात अलग हैं—
कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी
चार्जशीट अभी दाखिल नहीं हुई
केस गंभीर धारा में दर्ज है
ऐसे में पैरोल मिलना आसान नहीं माना जा रहा, लेकिन कानूनी संभावना पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई है।
तो क्या जेल में ही दिलाई जा सकती है शपथ?
हाँ, बहुत दुर्लभ मामलों में ऐसा संभव है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत विधायक को शपथ राज्यपाल या राज्यपाल द्वारा अधिकृत अधिकारी के सामने लेनी होती है। सामान्यतः यह शपथ विधानसभा में दिलाई जाती है, लेकिन यदि कोर्ट पैरोल न दे, तो:
अधिकृत अधिकारी जेल जाकर भी शपथ दिला सकता है
यह प्रक्रिया दुर्लभ है, लेकिन कानून इसकी इजाज़त देता है।
शपथ के लिए समय सीमा क्या है? क्या विधायकी जाएगी?
विधानसभा और संविधान के नियमों के अनुसार:
शपथ लेने की कोई तय समय सीमा नहीं
लेकिन…
6 महीने तक सदन में शामिल न होने पर सदस्यता रद्द हो सकती है
इसका मतलब है कि अनंत सिंह के पास अधिकतम छह महीने का समय है अपनी शपथ और उपस्थिति की औपचारिकता पूरी करने के लिए।
शपथ के बाद भी जेल में रहना पड़े तो?
विधायक को स्पीकर को लिखित सूचना देनी होगी।
कोई भी सदस्य 59 दिनों से अधिक लगातार अनुपस्थित नहीं रह सकता, इसलिए हर अनुपस्थिति को उचित कारण सहित सूचित करना होगा।
क्या अनंत सिंह संविधान के तहत अयोग्य ठहराए जा सकते हैं?
संभावना दो स्थितियों पर निर्भर करेगी:
चार्जशीट हल्की धारा में दाखिल होती है —
➡ जमानत मिल सकती है
➡ विधान सभा की कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे
गंभीर आरोप तय होते हैं और कोर्ट दोषी ठहराता है —
➡ दो साल या उससे अधिक की सजा
➡ Representation of People Act, 1951 के तहत विधायकी स्वतः रद्द
2022 में अवैध हथियार मामले में उन्हें 10 साल की सजा से अयोग्य किया गया था, लेकिन 2024 में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया।
अनंत सिंह समर्थकों की सक्रियता
मोकामा और पटना में “जेल के ताले टूटेंगे, अनंत भाई छूटेंगे” जैसे पोस्टर लगातार लगाए जा रहे हैं।
समर्थक उम्मीद जता रहे हैं कि अदालत पैरोल दे देगी।
लेकिन फिलहाल कानूनी स्थिति यही कहती है—
अनंत सिंह का 1 दिसंबर को सदन में पहुंचकर शपथ लेना मुश्किल दिख रहा है।
अब नजर इसी बात पर है कि वे:
पैरोल लेकर बाहर आते हैं,
जेल में ही शपथ दिलाई जाती है,
या प्रक्रिया आगे बढ़ने में देरी होती है।
बिहार की राजनीति में यह अगला बड़ा घटनाक्रम होगा कि छोटे सरकार आखिर शपथ कैसे और कब लेते हैं।
राहुल कुमार की रिपोर्ट

















