बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ निगरानी विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में बुधवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने रोसड़ा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (EO) उपेंद्रनाथ वर्मा के पटना और समस्तीपुर स्थित ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की। करीब सात घंटे चली इस कार्रवाई में टीम ने भारी मात्रा में कैश, ज्वेलरी, जमीन की डीड और निवेश के दस्तावेज बरामद किए हैं।
छापेमारी के दौरान वर्मा के समस्तीपुर स्थित घर से 10.5 लाख रुपये नकद और पटना आवास से 27 लाख रुपये से अधिक की ज्वेलरी मिली। टीम ने प्राथमिकी में दर्ज 11 जमीनों के अलावा 3 नई जमीन की डीड (कुल 14) भी जब्त की हैं। इसके अलावा कई बीमा कंपनियों में निवेश के कागजात, एक इनोवा, एक स्विफ्ट डिजायर कार और एक बैंक पासबुक भी कब्जे में लिए गए।
निगरानी ब्यूरो की DSP अभिजीत कौर ने बताया कि गुप्त जांच में उपेंद्रनाथ वर्मा के पास करीब 1 करोड़ 17 लाख रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति का पता चला था। उसी आधार पर FIR दर्ज की गई और कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई। तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं।
छापेमारी के समय वर्मा समस्तीपुर के अपने आवास पर मौजूद नहीं थे। वह एक होटल के ऊपर किराए के कमरे में रहते हैं। यहां कमरे का सीसीटीवी कैमरा बंद पाया गया, जिसके बाद मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कमरे को खोला गया। अलमारी से 5.6 लाख रुपये नगद बरामद हुए।
करीब एक साल से रोसड़ा में तैनात EO वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को “गहरी साजिश” बताया है। उन्होंने कहा कि मिली हुई संपत्ति “पारिवारिक” है और वह कोर्ट में सभी दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। निगरानी ब्यूरो ने उनके खिलाफ 1,16,90,319 रुपये की अवैध संपत्ति का मामला दर्ज किया है, जो उनकी ज्ञात आय से 86.3% अधिक बताई गई है।
















