पटना: बिहार की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र से ही विधानसभा पूरी तरह पेपरलेस मोड में काम करेगी। नए निर्वाचित विधायकों की सीटों पर डिजिटल टैब इंस्टॉल किए गए हैं, जिनसे वे सवाल, पूरक और अन्य संसदीय कार्यवाही कर सकेंगे।
यह व्यवस्था ‘नेवा योजना’ (नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन) के तहत लागू की गई है, जिसका उद्देश्य सदन में कागज के उपयोग को न्यूनतम करना है। विधानपरिषद में यह सिस्टम पहले ही सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है।
विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सुरक्षा और प्रबंधन के लिए संबंधित विभागों को सतर्क रहने का निर्देश दिया। विधानसभा भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी, सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह सक्रिय रहेंगे और ट्रैफिक, चिकित्सा, सफाई व पार्किंग की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नए विधायकों को पहले सत्र में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक में गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, एडीजी डॉ. कमल किशोर सिंह, प्रशासनिक व निगम अधिकारी, पटना डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम, एसएसपी कार्तिकेय के. शर्मा, नगर आयुक्त यशपाल मीणा, और विधान परिषद सचिवालय के अधिकारी उपस्थित थे।
सत्र का कार्यक्रम
1 दिसंबर: नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण
2 दिसंबर: विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन
3 दिसंबर: सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक एवं राज्यपाल का अभिभाषण
4 दिसंबर: अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव व सरकार का जवाब
5 दिसंबर: द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर चर्चा और विनियोग विधेयक
बिहार विधानसभा अब देश के उन प्रगतिशील राज्यों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जहां सदन की कार्यवाही डिजिटल और पेपरलेस तरीके से संचालित होती है।















