भारत निर्वाचन आयोग: (ECI) ने देशभर में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान को लेकर बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे इस अभियान की समय सीमा को 7 दिनों के लिए बढ़ाते हुए 11 दिसंबर 2024 तक कर दिया है।
यह बढ़ी हुई समयसीमा उन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए राहत भरी मानी जा रही है जहां पुनरीक्षण कार्य धीमी गति से चल रहा था या मतदाताओं की ओर से आवेदन अधिक संख्या में लंबित पड़े थे।
क्यों बढ़ाई गई समय सीमा?
सूत्रों के अनुसार, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आयोग को यह अनुरोध मिला था कि मतदाता सूची संशोधन कार्य में थोड़ा अतिरिक्त समय दिया जाए ताकि निम्न कार्य बेहतर तरीके से पूरे हो सकें—
नए मतदाताओं का पंजीकरण
पुराने या गलत विवरणों का सुधार
नाम हटाने/जोड़ने की प्रक्रिया
फॉर्म-6, फॉर्म-7, फॉर्म-8 के लंबित आवेदनों का निपटारा
चुनाव आयोग ने इन मांगों को देखते हुए SIR अभियान की अंतिम तिथि 4 दिसंबर से बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी है।
कौन-कौन से राज्य हैं इस सूची में?
SIR अभियान की समय सीमा जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बढ़ाई गई है, उनमें शामिल हैं—
बिहार
झारखंड
उत्तर प्रदेश
उत्तराखंड
राजस्थान
मध्य प्रदेश
महाराष्ट्र
जम्मू-कश्मीर
लद्दाख
छत्तीसगढ़
राजस्थान
पश्चिम बंगाल (सूचियां भिन्न हो सकती हैं, स्थानीय CEO की अधिसूचना अंतिम मानी जाएगी)
क्या कर सकेंगे मतदाता इस अवधि में?
बढ़ी हुई समय सीमा के दौरान नागरिक यह कार्य कर सकेंगे—
18 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले नए मतदाता अपना नाम जुड़वा सकते हैं।
पुराने मतदाता अपनी जानकारी संशोधित करा सकेंगे।
स्थान परिवर्तन की स्थिति में वे नया निर्वाचन क्षेत्र चुन सकेंगे।
परिवार के मृत या अनुपस्थित सदस्यों के नाम हटवाने के लिए भी फॉर्म जमा कर सकेंगे।
आयोग ने राज्यों को दिए निर्देश
ECI ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) को निर्देश दिया है कि—
सभी BLO (बूथ स्तर अधिकारियों) को फील्ड में सक्रिय रखा जाए।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिविरों का आयोजन बढ़ाया जाए।
लंबित आवेदनों को प्राथमिकता देकर निपटाया जाए।
मतदान सूची को “त्रुटि-रहित और पारदर्शी” बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मतदाता सूची कब होगी अंतिम रूप से प्रकाशित?
नीति अनुसार, मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 5 जनवरी 2025 को किया जाना प्रस्तावित है। नई समय सीमा बढ़ने से इस तिथि पर फिलहाल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
















