बेगूसराय।
बरौनी रिफाइनरी में चल रहे करोड़ों की लागत वाले विस्तारीकरण कार्य के दौरान रविवार को बड़ी लापरवाही उजागर हुई। काम के दौरान क्रेन का बेल्ट टूटने से 1400 किलो वजनी पाइप नीचे गिर गया, जिसके नीचे दबने से एक मजदूर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद रिफाइनरी परिसर में अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मजदूर रिफाइनरी के विस्तार कार्य में तैनात था। इसी दौरान भारी पाइप उठाने के क्रम में अचानक क्रेन का बेल्ट टूट गया और पाइप सीधे मजदूर के ऊपर गिर पड़ा। हादसा इतना भयावह था कि मजदूर ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के परिजन मौके पर पहुंचे और रिफाइनरी प्रबंधन व ठेकेदार के खिलाफ जमकर हंगामा किया। आक्रोशित मजदूरों और परिजनों ने करीब चार घंटे तक बरौनी रिफाइनरी गेट पर प्रदर्शन किया, जिससे इलाके में तनाव की स्थिति बन गई। सैकड़ों मजदूरों में नाराजगी देखी गई और कुछ देर के लिए काम ठप हो गया।
परिजनों का आरोप है कि सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी की जा रही थी और ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह जानलेवा हादसा हुआ। मजदूरों ने रिफाइनरी में काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर ठोस व्यवस्था की मांग की।
घटना की सूचना पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और हालात को काबू में लिया। वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि मृतक के परिजनों को कुल 45 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने संबंधित एजेंसी को सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करने के निर्देश भी दिए।
इस दौरान बरौनी विधायक बोगो सिंह भी मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता दिलाई जाएगी और हादसे की जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। मृतक की पहचान और हादसे के वास्तविक कारणों की विस्तृत जांच की जा रही है।
अब सवाल साफ है कि करोड़ों की परियोजनाओं में क्या मजदूरों की सुरक्षा सिर्फ कागज़ों तक सीमित है, और क्या उनकी जान की कीमत केवल मुआवजे के आंकड़ों में सिमट कर रह जाती है?
अजय शास्त्री की रिपोर्ट

















