बिहार सरकार अब उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को उद्यमी बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शिक्षा विभाग और उद्योग विभाग मिलकर स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं, ताकि छात्र-छात्राओं को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।
जल्द ही सभी विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों में स्टार्टअप सेल स्थापित किए जाएंगे। राज्य के उद्योग मंत्री डा. दिलीप कुमार जायसवाल के अनुसार, स्टार्टअप इकोसिस्टम को स्टेप वाइज विकसित किया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार दोनों के अवसर मिल सकें। इसके लिए विश्वविद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा और युवा उद्यमियों को सुरक्षा, मार्गदर्शन और सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार अब छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ उद्यमिता की ट्रेनिंग देने पर जोर दे रही है। प्रत्येक विश्वविद्यालय में स्टार्टअप को स्टेप वाइज आगे बढ़ाने के लिए योजना तैयार की जा रही है, जिसमें सीड फंडिंग, मेंटरशिप और इनक्यूबेशन सपोर्ट भी शामिल होगा।
यह व्यवस्था न केवल विश्वविद्यालयों में बल्कि राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थानों में भी लागू की जाएगी। छात्रों को नवाचार, रोजगार सृजन, व्यावहारिक कौशल, वित्तीय सहायता और उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करने का अवसर मिलेगा।
इनक्यूबेशन सपोर्ट के तहत स्टार्टअप और नए व्यवसायों को शुरुआती चरण में विकसित होने और सफल होने के लिए मार्गदर्शन, ऑफिस स्पेस, फंड, नेटवर्क और तकनीकी सहायता दी जाएगी। छात्र-छात्राओं को अनुभवी पेशेवरों द्वारा सलाह और मार्गदर्शन भी मिलेगा।
पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को स्किल डेवलपमेंट, मैनेजमेंट और मार्केटिंग ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि जॉब क्रिएटर्स बन सकें। इसके लिए शुरुआती पूंजी और निवेशकों तक पहुंच भी प्रदान की जाएगी।
सरकार का लक्ष्य है कि उच्च शिक्षा पाने वाले युवा स्वरोजगार और नवाचार के क्षेत्र में सक्षम बनें। यदि ये छात्र सफल उद्यम स्थापित करते हैं, तो उन्हें स्टार्टअप इंडिया सीड फंड के तहत 20 लाख रुपये तक का अनुदान भी मिल सकता है।
इस पहल से बिहार में उच्च शिक्षा और उद्योग क्षेत्र के बीच मजबूत तालमेल बनेगा और युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए सशक्त बनाया जाएगा।





















