लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान बिहार में श्रद्धा का सागर कई घरों के लिए मातम बन गया। बीते 48 घंटे में राज्यभर में 102 लोगों की डूबकर मौत हो चुकी है। गंगा, गंडक, सोन और कोसी नदियों के घाटों पर लाखों श्रद्धालु भगवान भास्कर को अर्घ्य देने पहुंचे थे, लेकिन श्रद्धा और भीड़ की असावधानी ने कई मासूम जानें ले लीं।
सबसे ज्यादा घटनाएं पटना, भागलपुर, वैशाली, बेगूसराय, जमुई और बांका जिलों में दर्ज की गई हैं। कहीं भीड़ के धक्कामुक्की में संतुलन बिगड़ा, तो कहीं नदी की गहराई ने व्रतियों को अपनी लहरों में समा लिया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम के दावे किए गए थे, लेकिन कई घाटों पर एनडीआरएफ और गोताखोरों की कमी साफ दिखी।
छठ जैसे पावन पर्व पर हुई ये घटनाएं श्रद्धा और सुरक्षा दोनों पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है, वहीं स्थानीय प्रशासन को अगली बार सुरक्षा व्यवस्था और सख्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
















