अजय शास्त्री संवाददाता | बेगूसराय
बेगूसराय की धरती, जिसने हमेशा समाज को जागरूकता और संघर्ष की राह दिखाई है, आज एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में है। इस बार केंद्र में हैं — बेगूसराय की बेटी, डॉ. मीरा सिंह, जो अपने चिकित्सकीय पेशे से निकलकर अब जनता की आवाज़ और उम्मीद की किरण बन चुकी हैं।

डॉ. मीरा सिंह ने वर्षों तक एक डॉक्टर के रूप में लोगों की सेवा की। बीमारी से लड़ते शरीरों को स्वस्थ किया, और अब वह उसी समर्पण के साथ समाज की बीमार राजनीति को ठीक करने के मिशन पर निकली हैं। वे कहती हैं —
“हमारी लड़ाई सत्ता के लिए नहीं, बल्कि समाज में बदलाव और पारदर्शिता लाने के लिए है। बेगूसराय के लोगों ने वर्षों से वादे सुने, अब उन्हें पूरा करने का वक्त है।”
📍 स्थान: बेगूसराय
📅 तारीख: 30 अक्टूबर, 2025
🕐 समय: दोपहर 1:00 बजे

आज आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह बेगूसराय पहुंचेंगे और एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। यह जनसभा डॉ. मीरा सिंह के समर्थन में आयोजित की जा रही है, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह जनसभा बेगूसराय की राजनीति में एक बड़ा संदेश देने वाली साबित होगी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि अब बिहार में भी दिल्ली और पंजाब की तर्ज़ पर ईमानदार राजनीति की शुरुआत हो चुकी है, और डॉ. मीरा सिंह उसका चेहरा बन रही हैं।

जनता में उत्साह, कार्यकर्ताओं में जोश
बेगूसराय के गांव-गांव, गली-मोहल्लों में जनसभा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने घर-घर संपर्क अभियान शुरू कर दिया है। जगह-जगह पोस्टर, बैनर, और नुक्कड़ सभाओं के जरिए लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है।
महिलाओं, युवाओं और पहली बार वोट देने वालों में भी डॉ. मीरा सिंह को लेकर खास जोश है। लोग कह रहे हैं —
“अब हमें नेता नहीं, एक सच्ची प्रतिनिधि चाहिए, जो हमारी तकलीफ़ों को समझे।”

बेगूसराय की नई उम्मीद
बेगूसराय की यह बेटी न सिर्फ डॉक्टर है, बल्कि अब जनता की डॉक्टर भी बन चुकी हैं — जो समाज की पीड़ा, असमानता और भ्रष्टाचार की बीमारी का इलाज करने निकली हैं। उनका यह सफर सत्ता पाने का नहीं, बल्कि जनता से रिश्ता निभाने का है।
अगर जनता का समर्थन और विश्वास उनके साथ रहा, तो डॉ. मीरा सिंह वह नाम बनेंगी जो बेगूसराय ही नहीं, पूरे बिहार की राजनीति में एक नई दिशा तय करेगा — जहां राजनीति सेवा और संवेदना का पर्याय बने।


















