Bihar Assembly Winter Session:
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन बिहार विधानसभा का माहौल पूरी तरह सियासी रंग में डूबा दिखा। कहीं तंज़, कहीं तल्ख़ तेवर और विपक्ष के तेवरदार तर्क सत्ता पक्ष पर भारी पड़ते नज़र आए।
स्पीकर प्रेम कुमार ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान को बोलने का अवसर दिया। जैसे ही ईमान ने बोलना शुरू किया, सदन में हलचल तेज़ हो गई।
ईमान ने राजस्व विभाग, विशेषकर अंचल कार्यालयों में होने वाली अवैध वसूली का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सीमांचल में नदी कटाव की त्रासदी हर साल लोगों को उजाड़ रही है, लेकिन सरकार की नज़र सिर्फ़ फ़ाइलों तक सीमित है।
उन्होंने कहा— “अफ़सरशाही बेलगाम है और ज़मीनी स्तर पर जनता की पीड़ा अनदेखी की जा रही है।”
इसके बाद कांग्रेस विधायक मनोहर सिंह ने और भी सख़्त लहजे में हमला बोला। उनका कहना था कि “जिस सरकार को जनता ने चुनकर भेजा, अब वही जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।” सत्ता पक्ष ने इस पर कड़ा विरोध जताया, लेकिन सिंह ने कटाव प्रभावित परिवारों की लगातार बढ़ती परेशानियों पर बात जारी रखी।
बसपा विधायक सतीष कुमार यादव ने भी हर घर शौचालय योजना में गड़बड़ी और नदियों के कटाव का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया।
कुल मिलाकर, सत्र का अंतिम दिन राजनीतिक बयानबाज़ी, प्रशासनिक आरोपों और जनता से जुड़े गंभीर मुद्दों की तीखी गूंज के नाम रहा। सदन का सियासी तापमान अपने चरम पर नज़र आया।















