किंग जगत में इन दिनों एक वीडियो ने तहलका मचा दिया है। वीडियो में केनरा बैंक के एक शाखा प्रबंधक अपने कर्मचारियों से बेहद आपत्तिजनक भाषा में बात करते नज़र आ रहे हैं।
वायरल हो चुके इस वीडियो में मैनेजर कहते हुए सुने जा सकते हैं —
“परिवार जाए तेल लेने, बैंक ने नौकरी तुम्हारा तेल निकालने के लिए दी है, परिवार का ख्याल रखने के लिए नहीं।
बैंक को ही अपना परिवार मानो, भाड़ में जाए असली परिवार… मैं खुद अपने परिवार की भी चिंता नहीं करता, समझे?”
यह बयान जैसे ही सोशल मीडिया पर आया, देखते ही देखते वायरल हो गया। कर्मचारियों और आम यूज़र्स ने इस कथन को असंवेदनशील और अपमानजनक बताया है।
वीडियो के सामने आने के बाद X (पूर्व में ट्विटर) और फेसबुक पर लोगों ने बैंक प्रबंधन से कार्रवाई की मांग की है।
कई यूज़र्स ने लिखा — “अगर यही रवैया अधिकारियों का रहेगा, तो बैंक कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा।”
दूसरों ने कहा कि “बैंकिंग सेक्टर में काम करने वालों पर पहले से ही टारगेट का भारी दबाव है, ऐसे में यह रवैया बेहद गैर-पेशेवर है।”
इस मामले पर बैंक कर्मचारी संगठनों ने कड़ा रुख अपनाया है।
ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) से जुड़े एक प्रतिनिधि ने हमारे संवाददाता से कहा,
“यह बयान बैंकिंग कार्य संस्कृति की गंभीर समस्या को उजागर करता है। कर्मचारियों पर लगातार टारगेट और प्रेशर डाला जा रहा है, जिससे निजी जीवन प्रभावित हो रहा है।”
संघ ने बैंक प्रबंधन से इस पूरे मामले की जांच कर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
केनरा बैंक की ओर से आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैंक ने वीडियो की सत्यता और लोकेशन की जांच शुरू कर दी है।
अगर यह वीडियो असली पाया गया, तो संबंधित शाखा प्रबंधक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर से बैंकिंग सेक्टर के कार्यसंस्कृति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बढ़ते टारगेट, ओवरटाइम और काम के तनाव से कर्मचारी असंतुलित जीवन जी रहे हैं।
ऐसे में अधिकारियों के असंवेदनशील रवैये से स्थिति और गंभीर हो सकती है।
केनरा बैंक के मैनेजर का “परिवार जाए तेल लेने” वाला बयान सिर्फ एक वायरल वीडियो नहीं, बल्कि बैंकिंग सेक्टर की सच्चाई की झलक माना जा रहा है।
अब सबकी नज़र इस पर है कि बैंक प्रबंधन इस बयान पर क्या कार्रवाई करता है — क्या यह मामला महज़ सोशल मीडिया तक सीमित रहेगा या फिर अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे।

















