दिल्ली में हुए बम ब्लास्ट ने कई परिवारों की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल दी। इन्हीं में से एक हैं बिहार के एक कारोबारी, जिनकी मौत के बाद उनका शव दिल्ली के पोस्टमॉर्टम हाउस में लावारिस हालत में पड़ा मिला। इस बीच कारोबारी के दो बेटे अपने पिता की तलाश में पूरे दिल्ली में भटकते रहे, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला।
कारोबारी के बड़े बेटे ने बताया,
“पिताजी को खोजने के लिए हम दोनों भाई 24 घंटे तक दिल्ली में हर ओर चक्कर लगाते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा था। सूचना मिली थी कि पिताजी बम ब्लास्ट में घायल हुए हैं, तो मन बेचैन था। एक-एक मिनट भारी लग रहा था। हम दोनों भाई लगातार अस्पताल, पुलिस स्टेशन और संदिग्ध स्थानों पर चक्कर लगाते रहे।”
परिवार को उम्मीद थी कि कहीं न कहीं से पिता की जानकारी मिल जाएगी, लेकिन लंबे इंतज़ार और संघर्ष के बाद उन्हें पता चला कि जिस व्यक्ति को वे घायल मानकर खोज रहे थे, वह दरअसल पोस्टमॉर्टम हाउस में लावारिस के रूप में पड़ा था।
परिजन बताते हैं कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी पहचान और सूचना देने की सही व्यवस्था न होने से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। परिवार का कहना है कि अगर समय पर जानकारी मिल जाती, तो वे कम से कम अपने पिता का अंतिम दर्शन कर पाते।
फिलहाल परिवार शोक में है और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े कर रहा है।
अजय शास्त्री की रिपोर्ट

















