दिल्ली में रह रहे प्रवासी बिहारियों की मुश्किलों को लेकर अब सियासत भी सक्रिय हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) ने ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे जीवन गुज़ारने को मजबूर बिहारियों के लिए उचित व्यवस्था की मांग उठाई है। यह पहल पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के निर्देश तथा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन के आदेश पर की गई है।
दिल्ली सरकार को भेजा औपचारिक पत्र
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रजनीश कुमार ने इस संबंध में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को औपचारिक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने राजधानी में रह रहे प्रवासी बिहारियों की मूलभूत समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया।
रजनीश कुमार ने पत्र में लिखा कि कड़ाके की ठंड में बड़ी संख्या में बिहारी मजदूर, कामगार और प्रवासी सड़क किनारे सोने को मजबूर हैं। न पर्याप्त रैन बसेरे हैं, न भोजन, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था।
पत्र में यह भी रेखांकित किया गया कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था में बिहारियों का बड़ा योगदान है, इसके बावजूद वे हाशिये पर धकेले गए हैं। राजधानी में आज भी हजारों लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं, जो मानवीय गरिमा और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।
मांगे और दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया
रजनीश कुमार ने मांग की कि दिल्ली सरकार प्रवासी बिहारियों के लिए अस्थायी आश्रय, रैन बसेरा, स्वास्थ्य सुविधा और सुरक्षा की ठोस व्यवस्था करे। राहत की बात यह है कि दिल्ली सरकार ने इस पत्र को गंभीरता से लिया और संबंधित विभाग को अग्रसारित कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने भरोसा जताया कि सरकार इस मांग पर अमल करेगी।
कुल मिलाकर, यह पहल सिर्फ एक पत्र नहीं, बल्कि प्रवासी बिहारियों के सम्मान और अधिकार की सियासी दस्तक मानी जा रही है। इस कदम से स्पष्ट संदेश गया है कि उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति राजनीतिक दल अब सक्रिय हो रहे हैं।















