नई दिल्ली: भारत में आर्थिक असमानता की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि अब यह देश दुनिया के सबसे असमान देशों में शामिल हो गया है। हाल ही में प्रकाशित वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट (World Inequality Report) के आंकड़े देश में अमीर और गरीब के बीच खाई के लगातार बढ़ते अंतर को उजागर करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में केवल 10% सबसे अमीर नागरिकों के पास देश की कुल संपत्ति का 65% हिस्सा है। इसके विपरीत, देश के निचले 50% हिस्से के पास कुल संपत्ति का केवल 6.4% हिस्सा है। और तो और, शीर्ष 1% लोगों के पास अब भारत की कुल संपत्ति का 40.1% हिस्सा पहुंच गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकड़े सरकार के आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर गंभीर सवाल उठाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर यह असमानता इसी तरह बढ़ती रही, तो भारत में सामाजिक और आर्थिक असंतुलन के गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
आलोचकों का कहना है कि सरकार को न केवल कर और वित्तीय नीतियों के माध्यम से अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करने की आवश्यकता है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्र में समावेशी विकास सुनिश्चित करना होगा। रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत में आर्थिक समावेशन अब और लंबा इंतजार नहीं कर सकता।

















