नई दिल्ली: हाल ही में भारत को घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ़्रीका से 0-2 की अप्रत्याशित टेस्ट सिरीज़ हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने भारतीय टीम को झकझोर दिया है और टीम की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि यह पिछले 25 सालों में दक्षिण अफ़्रीका की भारत में आयोजित पहली टेस्ट सिरीज़ जीत है। पिछले एक साल में यह दूसरी सिरीज़ है जो भारत ने अपने घर में हारी है। 12 सालों से घरेलू मैदान पर न हारने की भारतीय टीम की रिकॉर्ड धारणा अब टूट गई है।
पिछले छह महीनों में भारतीय टीम ने जो गति हासिल की थी, वह अब कहीं खो गई है। हार के बाद कई खिलाड़ियों और कोच गौतम गंभीर के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
इस साल गर्मियों में इंग्लैंड दौरे पर नए कप्तान की अगुवाई में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था, जिससे यह आभास हुआ कि विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसी दिग्गज खिलाड़ियों की विदाई के बाद भी टीम ने बदलावों को सहजता से अपनाया है। घरेलू सिरीज़ की शुरुआत में वेस्ट इंडीज़ पर 2-0 की आसान जीत ने इस धारणा को और मज़बूत किया।
लेकिन फिर दक्षिण अफ़्रीका की टीम ने भारत दौरे पर आकर जोरदार झटका दिया। टीम की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों ही क्षेत्रों में औसत प्रदर्शन ने दर्शकों और विशेषज्ञों को निराश किया।
क्रिकेट विश्लेषक मानते हैं कि भारतीय टीम को अब रणनीति, चयन और कप्तानी पर गंभीरता से विचार करना होगा। आगामी सिरीज़ और टी20 वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंटों से पहले यह हार टीम के लिए चेतावनी है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रतिस्पर्धा बनाए रखना आसान नहीं होगा।


















