बिहार की राजधानी पटना में सफाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बेहद अनोखी और हाई-टेक पहल की गई है। शहर के जेपी गंगा पथ पर ऐसी मशीन लगाई गई है, जिसमें आप बेकार प्लास्टिक की बोतल डालिए और बदले में कैश, कूपन या आकर्षक गिफ्ट पाइए।
सुनने में यह किसी गेम की तरह लगता है, लेकिन यह असल में “रिवर्स वेंडिंग मशीन” (Reverse Vending Machine) है — जो आजकल शहरवासियों के बीच चर्चा का बड़ा विषय बनी हुई है।
यह मशीन प्लास्टिक, एल्युमिनियम कैन और कांच की बोतलें स्वीकार करती है। बोतल डालते ही मशीन नंबर वेरिफिकेशन के बाद ग्रीन प्वाइंट या कैश वैल्यू सीधे मोबाइल नंबर से लिंक कर देती है।
नगर निगम ने पटना को प्लास्टिक-फ्री और स्वच्छ शहर बनाने के मिशन में यह नई तकनीकी छलांग लगाई है।
जेपी गंगा पथ पर दो, मौर्यालोक में एक और मीनार घाट पर दो मशीनें इंस्टॉल की गई हैं।
नगर आयुक्त के अनुसार, “अगर हर नागरिक एक-एक बोतल भी मशीन में डाल दे, तो पटना के कचरे का पहाड़ घटने लगेगा। यह पहल लोगों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी और जागरूकता बढ़ाएगी।”
⚙️ कैसे काम करती है यह मशीन:
मशीन IoT (Internet of Things) और Wi-Fi तकनीक से लैस है।
हर बोतल का डेटा ऑनलाइन ट्रैक होता है।
मशीन में इनबिल्ट क्रशर है, जो बोतल को तुरंत कंप्रेस कर रीसाइक्लिंग सेंटर भेजने योग्य बना देता है।
इन मशीनों का संचालन और तीन साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी बायोक्रक्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है।
🌱 पर्यावरणीय लाभ:
यदि शहरवासी इस पहल में भाग लेते हैं, तो हर साल अनुमानित रूप से —
42 टन CO₂ उत्सर्जन में कमी,
700 लीटर ईंधन की बचत, और
52 लीटर पानी का संरक्षण संभव होगा।
पटना अब सिर्फ सफाई की बात नहीं कर रहा, बल्कि टेक्नोलॉजी के ज़रिए कचरे को पैसे में बदलने की दिशा में ठोस कदम उठा चुका है।
यह पहल दिखाती है कि स्मार्ट सिटी सिर्फ इमारतों और सड़कों से नहीं, बल्कि सोच और सिस्टम से बनती है।
अब वक्त है—
“प्लास्टिक फेंको मत, मशीन में डालो और इनाम पाओ!”
पटना का यह छोटा कदम हर नागरिक को पर्यावरण का सिपाही बना सकता है।















