बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में मंगलवार को वोटिंग जारी है। सुबह 11 बजे तक राज्य में 31.38% मतदान दर्ज किया गया, लेकिन इसी बीच पश्चिम चंपारण जिले के रामनगर विधानसभा क्षेत्र से लोकतंत्र को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है।
रामनगर प्रखंड के दोन पंचायत के 22 गांवों के लोगों ने मतदान का सामूहिक बहिष्कार कर दिया है। करीब 15 हजार मतदाताओं वाले इन गांवों में सुबह 11 बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा। बूथों पर सिर्फ सुरक्षाकर्मी और मतदानकर्मी मौजूद दिखे।
ग्रामीणों ने गांवों में जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं, जिन पर लिखा है—
“सड़क नहीं तो वोट नहीं, बिजली नहीं तो वोट नहीं, शिक्षा नहीं तो वोट नहीं, स्वास्थ्य सुविधा नहीं तो वोट नहीं, नेटवर्क नहीं तो वोट नहीं।”
पोस्टरों पर “दोनवासी की यही पुकार—अबकी बार वोट बहिष्कार” का नारा भी दर्ज है।
ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 78 साल बाद भी उनके गांवों में सड़क, बिजली, पुल-पुलिया, स्वास्थ्य केंद्र और मोबाइल नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। हर चुनाव में नेता वादे करते हैं, परंतु जीतने के बाद कोई लौटकर नहीं आता।
वोट बहिष्कार की सूचना पर प्रशासन हरकत में आया। रामनगर के बीडीओ, सीओ और बगहा के एसपी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपने निर्णय पर अड़े रहे।
इसी तरह, अररिया जिले के किसमत खाबसपुर पंचायत के सगुना बूथ संख्या 33 और सीतामढ़ी के बथनाहा विधानसभा क्षेत्र के सोनवा गांव में भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया।
कहीं पुल निर्माण की मांग तो कहीं पुलिस कार्रवाई के विरोध में मतदाताओं ने वोट देने से इनकार कर दिया।


















