बिहार की राजनीति के लिए शनिवार का दिन बेहद अहम साबित हुआ। राज्य को नई एनडीए सरकार मिल गई है और इसके साथ ही बीजेपी ने सत्ता की कमान संभालते ही बड़ी राजनीतिक कार्रवाई की है। पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व गृह सचिव आर.के. सिंह को छह साल के लिए बीजेपी से निलंबित कर दिया है।
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से थे नाराज़
सूत्रों के मुताबिक, 2024 के लोकसभा चुनाव में आरा सीट से हार के बाद से ही आर.के. सिंह पार्टी नेतृत्व से नाराज़ चल रहे थे। हार के बाद वे न तो किसी संगठनात्मक गतिविधि में दिखाई दिए और न ही पार्टी कार्यक्रमों में सक्रिय रहे। इतना ही नहीं, वे लगातार बीजेपी और उसके कई नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे।
पार्टी विरोधी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई
बीजेपी की आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, आर.के. सिंह ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर पार्टी की नीतियों और उम्मीदवार चयन पर सवाल उठाए। उन्होंने तारापुर से एनडीए के नेता सम्राट चौधरी को वोट न देने की अपील तक कर दी थी। इसके अलावा, विधानसभा चुनाव 2025 में न तो उन्होंने प्रचार किया और न ही प्रधानमंत्री मोदी सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ किसी मंच पर दिखाई दिए।
इन्हीं पार्टी विरोधी गतिविधियों को देखते हुए बीजेपी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
बीजेपी के कद्दावर नेता रह चुके हैं आर.के. सिंह
आर.के. सिंह आरा से दो बार के सांसद रहे हैं और नरेंद्र मोदी सरकार में ऊर्जा मंत्री और गृह मंत्रालय में अहम पदों पर रह चुके हैं। नौकरशाही से राजनीति में आए आर.के. सिंह ने लंबे समय तक पार्टी में मजबूत पकड़ बनाई थी।
नई सरकार के बीच बड़ा राजनीतिक संदेश
बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद नई सरकार का गठन हुआ है। ऐसे में आर.के. सिंह पर हुई यह कार्रवाई संदेश देती है कि पार्टी अनुशासनहीनता और अंदरूनी बयानबाजी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी।


















