उत्तराखंड के देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में रविवार को प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हंगामा खड़ा हो गया। शक्ति नहर के किनारे बसे 6 गांवों में 111 अवैध घरों को ध्वस्त करने के लिए प्रशासन, नगर पंचायत और पुलिस की संयुक्त टीम बुलडोज़र समेत भारी सुरक्षा बल के साथ मौके पर पहुंची।
बुजुर्ग छत पर चढ़कर रोकते रहे कार्रवाई
अभियान शुरू होते ही कई लोग अपने घरों पर चढ़कर विरोध करने लगे। इसी दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति घर की छत पर चढ़ गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे। जवानों और कर्मचारियों ने उन्हें नीचे आने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
इसके बाद टीम ने JCB के बकेट की मदद से बुजुर्ग को सुरक्षित नीचे उतारा। यह दृश्य लोगों में चर्चा का विषय बन गया और सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है।
कई परिवार बेघर होने से नाराज़
अतिक्रमण हटाने पहुंचे बुलडोज़र और पुलिस बल को देखकर कई परिवारों में अफरा-तफरी मच गई। महिलाओं और बुजुर्गों ने विरोध जताया, दावा करते हुए कि वे दशकों से इस जगह पर रह रहे हैं। कई लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें पहले कोई समुचित नोटिस नहीं मिला।
प्रशासन का दावा—नदी किनारे निर्माण पूरी तरह अवैध
प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि:
शक्ति नहर के किनारे बने घर नदी संरक्षण क्षेत्र में आते हैं
लगातार चेतावनी और नोटिस दिए गए थे
बरसात में खतरा बढ़ने के कारण अतिक्रमण हटाना अनिवार्य है
111 अवैध निर्माणों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा
अधिकारियों के अनुसार पिछले कई वर्षों से यह अतिक्रमण विवादित रहा है और बार-बार चेतावनी देने के बाद अब कार्रवाई की जा रही है।
भारी पुलिस बल तैनात
स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए बड़ी संख्या में:
PAC
स्थानीय पुलिस
प्रशासनिक अधिकारी
तैनात किए गए हैं। किसी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए क्षेत्र को बैरिकेडिंग कर सील भी किया गया है।
कुछ लोग खुद तोड़ रहे अपना निर्माण
कई परिवार प्रशासनिक कार्रवाई से पहले ही खुद अपने अवैध निर्माण तोड़ने लगे, ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान कम झेलना पड़े।
कार्रवाई जारी
रविवार देर शाम तक लगभग 30 से अधिक अवैध निर्माणों को गिराया जा चुका था, जबकि सोमवार को बाकी संरचनाओं को ध्वस्त करने का अभियान जारी रहेगा।

















