नई दिल्ली: भारतीय संसद का शीतकालीन सत्र 2025 अब समाप्त हो गया है। इस सत्र में लोकसभा ने कुल 10 बिल पास किए, जबकि राज्यसभा ने 7 बिलों पर मुहर लगाई।
सत्र की प्रोडक्टिविटी यानी सदन के वास्तविक काम करने की दर 78 प्रतिशत रही। इस दौरान सदन में मुख्य रूप से वित्तीय, शिक्षा और कृषि संबंधी कानूनों पर चर्चा हुई। सदस्यों ने कड़ी बहस और सुझावों के बाद कई महत्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी दी।
सत्र के दौरान सदन में हंगामे और सवाल-जवाब के बीच भी कई विधेयक पारित हुए, जिससे कानून निर्माण की प्रक्रिया प्रभावित होने के बावजूद प्रोडक्टिविटी उच्च स्तर पर दर्ज की गई।
सत्र की समाप्ति के बाद सरकार का कहना है कि अगले सत्र में संसदीय कार्यों को और तेज़ करने और बिलों को समय पर पास कराने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
लोकसभा सचिवालय के आंकड़ों के अनुसार, इस सत्र में सदस्यों की उपस्थिति दर 92% रही, जो पिछले सत्रों की तुलना में थोड़ी अधिक रही।























