दुमका, झारखंड: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सोमवार को दुमका स्थित सिदो–कान्हू एयरपोर्ट से झारखंड के पहले “झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट” का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में कुल 12 योजनाओं का उद्घाटन किया, जिनकी लागत 190.647 करोड़ रुपये है, और 14 नई योजनाओं की आधारशिला रखी, जिनका बजट 123.48 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया। साथ ही 23 लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण कर उन्हें आजीविका संवर्द्धन की नई दिशा दी गई।
सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में झारखंड विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा है। वर्ष 2008 में जिसकी नींव रखी गई थी, वह फ्लाइंग इंस्टिट्यूट अब युवाओं के सपनों को पंख देने के लिए तैयार है। पहले चरण में 30 पायलटों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनमें से 15 के प्रशिक्षण का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
उन्होंने बताया कि यह कदम न केवल युवाओं के लिए अवसरों का विस्तार करेगा, बल्कि झारखंड को विमानन प्रशिक्षण के क्षेत्र में देशभर में विशिष्ट पहचान दिलाएगा। सीएम ने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने हजारों प्रवासी श्रमिकों को हवाई जहाज से सुरक्षित घर पहुँचाया था और आज उसी समाज के बेटे-बेटियाँ पायलट बनने का सपना साकार कर पाएंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण से जुड़े प्रत्येक तकनीकी पहलू का निरीक्षण किया और प्रशिक्षुओं से बातचीत कर उनकी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार “हेडक्वार्टर से नहीं, गांवों से चलने वाली सरकार” है। इसी कड़ी में “सेवा का अधिकार” कार्यक्रम ग्रामीण स्तर पर समस्याओं के समाधान को सरल और सुलभ बना रहा है। सीएम ने चेतावनी दी कि निर्धारित समय में काम पूरा न करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मसलिया–रानेश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का भी निरीक्षण किया और कहा कि यह योजना किसानों को वर्षभर सिंचाई सुविधा देकर क्षेत्र में कृषि उत्पादन और आय दोनों बढ़ाएगी। कार्यक्रम में सांसद, विधायक, वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
झारखंड फ्लाइंग इंस्टिट्यूट का शुभारंभ राज्य में विमानन प्रशिक्षण के नए युग की शुरुआत को दर्शाता है और यह युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के अवसरों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


















